कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सैमसंग हैंडसेट बाजार में नोकिया को पीछे छोड़कर पहले स्थान पर पहुंच गई. वॉइस एंड डेटा के 18वें सालाना सर्वेक्षण में देश में कारोबार कर रही 30 मोबाइल हैंडसेट कंपनियों को शामिल किया गया है. ये कंपनियां फीचर्स फोन, मल्टीमीडिया फोन, इंटरप्राइज फोन तथा स्मार्टफोन की बिक्री कर रही हैं.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय बाजार में सैमसंग के शीर्ष पर पहुंचने की वजह उसका अच्छा खासा उत्पाद पोर्टफोलियो है जो सभी बजट श्रेणियों की जरूरत को पूरा करता है. अलग-अलग स्क्रीन आकार वाले सैमसंग के हैंडसेटों का दाम 1,500 से 50,000 रुपये के बीच है.
इसमें कहा गया है कि इन कारणों से सैमसंग उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में सफल रही है. इसके अलावा उत्पाद की गुणवत्ता तथा नए फीचर्स की वजह से भी सैमसंग की लोकप्रियता बढ़ी है. वित्त वर्ष 2012-13 में सैमसंग का हैंडसेट कारोबार 11,328 करोड़ रुपये का रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 7,891 करोड़ रुपये था. यानी सैमसंग की आमदनी में सालाना आधार पर 43.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
31.5 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ वह शीर्ष पर रही. वहीं 27.2 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ नोकिया दूसरे स्थान पर रही. सर्वेक्षण के अनुसार, 2012-13 में नोकिया के भारतीय परिचालन की आय घटकर 9,780 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 11,925 करोड़ रुपये थी.
शुरुआत में वैश्विक स्तर काफी लोकप्रिय हुए नोकिया के लूमिया श्रृंखला के हैंडसेट भारत में उपभोक्ताओं को अधिक आकषिर्त नहीं कर पाए. समीक्षाधीन अवधि में एप्पल की भारत में आय 417.2 प्रतिशत के इजाफे से 1,293 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. इससे पिछले साल यह 250 करोड़ रुपये रही थी. एप्पल की बाजार हिस्सेदारी 3.6 प्रतिशत की रही.
घरेलू हैंडसेट कंपनी माइक्रोमैक्स 8.7 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर रही. वित्त वर्ष के दौरान माइक्रोमैक्स की आमदनी 3,138 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,978 करोड़ रुपये की तुलना में 58.6 फीसदी अधिक है.
स्मार्टफोन की भारी मांग से बीते वित्त वर्ष में देश का मोबाइल हैंडसेट बाजार 14.7 प्रतिशत के इजाफे से 35,946 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वॉइस एंड डेटा के एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. इससे पिछले साल यानी 2011-12 में हैंडसेट बाजार 31,330 करोड़ रुपये का रहा था.