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Tech It Easy: नाम गुम जाएगा, 'ऐड्रेस' कभी नहीं!

इस जाते हुए साल को आप अलविदा तो कह रहे हैं. लेकिन क्या इस साल से जुड़ी यादों को सहेजने का सही इंतजाम किया है आपने? नहीं, मैं फोटो और वीडियो की बात नहीं कर रहा हूं. मैं बात कर रहा हूं उन 'जगहों' की जो आपकी यादगार लम्हों के साथ जुड़ी हुई हैं.

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बालकृष्ण
बालकृष्ण

इस जाते हुए साल को आप अलविदा तो कह रहे हैं. लेकिन क्या इस साल से जुड़ी यादों को सहेजने का सही इंतजाम किया है आपने? नहीं, मैं फोटो और वीडियो की बात नहीं कर रहा हूं. मैं बात कर रहा हूं उन 'जगहों' की जो आपकी यादगार लम्हों के साथ जुड़ी हुई हैं. उन 'जगहों' की जिसे आप कभी भूलना नहीं चाहेंगें. उन जगहों की, जहां कई बरसों के बाद भी आप आकर कहना चाहेंगे– 'यही तो थी वो जगह...'

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धरती के सीने पर अपनी यादों के निशान छोड़ने के लिए हम क्या नहीं करते. हनीमून पर जाते हैं, तो पेड़ो के तने पर नाम लिख आते हैं- ये सोचकर, कि कभी दोबारा इसे देखने ज़रूर आएंगे. कभी हम पत्थरों पर नाम खुदवा कर दीवारों पर लगवाते हैं, तो कभी दीवारों पर पत्थर से अपना नाम कुरेद देते हैं. याद रखने के लिए हम तमाम जगहों की फोटो खींच कर एलबम में भी सजा लेते हैं. लेकिन कुछ भी वैसा नहीं रहता. समय के साथ, सारे निशान मिट जाते हैं.

जिस पेड़ पर आपने नाम लिखा था, वो तो जाने कब कट गया. जिस छोटे से रेस्त्रा में बैठकर आप दोनों ने पहली बार साथ कॉफी पी थी, वहां तो अब मॉल बन गया. बचपन के कागज की कश्ती और बारिश का पानी तो भूल ही जाइए – वो जगह तो अब इतनी बदल चुकी होगी कि आप शायद पहचान भी नहीं सकें.

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धरती के टुकड़े का एेड्रेस है ये
जिसे हम 'ऐड्रेस' कहते हैं – वो भी कोई ऐड्रेस है! ये ऐड्रेस तो समय के साथ गुम हो जाएगा. ऐड्रेस लिखा रह जाएगा, पहचान बदल जाएगी. लेकिन एक 'ऐड्रेस' ऐसा भी है, जो कभी गुम नहीं होगा. जिसकी पहचान, कभी नहीं बदलेगी. इस ऐड्रेस को आपने सहेज लिया तो आप हमेशा भरोसे से कह सकेंगे– 'हां, बिल्कुल, यही थी वो जगह!' इस ऐड्रेस का नाम है 'Latitude और Longitude' जिसे GPS Coordinates भी कहते हैं. ये ऐड्रेस दिखता भी बहुत छोटा सा है– जैसे Latitude और Longitude की भाषा में दिल्ली के इंडिया गेट का ऐड्रेस है 28.6129 N, 77.2293 E दरअसल ये ऐड्रेस, इंडिया गेट का नहीं, धरती के उस टुकड़े का है जिस पर इंडिया गेट बना है. इसलिए, ये कभी नहीं बदलेगा. जब इंडिया गेट नहीं था तब भी इस जगह का Latitude और Longitude यही था और हमेशा यही रहेगा.

Latitude और Longitude क्या है, आप में से ज्यादातर लोग इसे जानते ही होंगे. यही सही मायने में 'Permanent Address' होता है क्योंकि ये धरती पर बनी किसी चीज का नहीं, बल्कि 'धरती के उस हिस्से का ऐड्रेस होता है जो कभी नहीं बदलता. आप कितनी बारीकी से किसी जगह का Latitude Longitude पा सकते हैं वो इस बात पर निर्भर करेगा का आपके फोन का जीपीएस रिसीवर कितना अच्छा है.

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इस तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं इसे
इसकी थ्योरी पर और माथा पच्ची करने के बजाय मैं आपको सीधे इसे हासिल करने और इस्तेमाल करने का आसान तरीका बताता हूं. आपको चाहिए सिर्फ एक स्मार्ट फोन जिसमें इंटरनेट चलता हो और जीपीएस लगा हो. आजकल ज्यादातर स्मार्ट फोन्स में जीपीएस की सुविधा होती है. हां, फोन की कीमत के हिसाब से, इसकी क्वालिटी में फर्क हो सकता है.

अपने एंड्रायड फोन में आपको Play Store से छोटा सा, मुफ्त का एक App डाउनलोड करना है जिसका नाम है – GPS Share. बस आपका काम समझो हो गया. आप जिस जगह पर हैं, उसका Latitude और Longitude पाने के लिए अपने फोन की Location Services में जाकर हर चीज को ON कर लें. ( Menu > Settings > Personal > Location Services). जहां भी आप हैं, वहां GPS का बेहतर सिग्नल पाने के लिए खुले आसमान के नीचे आ जाएं.

अब GPS Share App को Open करें. कुछ सेकेन्ड्स के इंतजार के बाद आपके पास उस जगह का जीपीएस लोकशन सामने होगा. अब आप जैसे चाहें वैसे उसे शेयर करें. इसे संभाल कर रखने के लिए चाहें तो खुद को या किसी और को ईमेल, SMS, या फिर Whatsapp पर भेज सकते हैं . GPS Share से जो लिंक मिलता है वो कुछ ऐसा दिखेगा http://maps.google.com/maps?q=loc:28.593299,77.220288 . इस पर क्लिक करते ही गूगल मैप पर ठीक यही जगह सामने होगी.

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अब अपने दोस्तों को किसी नयी जगह बुलाना हो तो ऐड्रस के साथ GPS Share app के जरिए हासिल लिंक भेजिए. उसे आप तक पहुंचने के लिए किसी से ऐड्रेस पूछना नहीं होगा. जैसे किसी दोस्त को आप दिल्ली के लोधी गार्डन में ठीक उसी जगह बुलाना चाहते हैं जहां बैठ कर आप उसका इंतजार कर रहे हैं तो उसे उसे ये लिंक भेज दे http://maps.google.com/maps?q=loc:28.593299,77.220288 . दोस्त आपको सीधे लोधी गार्डन की इन्हीं सीढ़ियों पर मिलेगा.

पेड़ो के तने और दीवारों पर नाम लिखने के बजाए, जिस जगह को याद रखना चाहें, उसका GPS Coordinates यानि Latitude और Longitude save कर लें.

फोन के Contacts List में, किसी के ऐड्रेस के साथ उसके घर का Latitude और Longitude जैसे (28.593299,77.220288 ) भी लिख लें. जैसे ही आप क्लिक करेंगे, मैप पर वो जगह आपके सामने खुल जाएगी. इसके लिए GPS Share App के जरिए जो लिंक मिलता है, उसका सिर्फ Numeric हिस्सा कॉपी करके ऐड्रेस की जगह पेस्ट कर लें.

मोबाइल से फोटो लेने से पहले ऑन करें जीपीएस टैग
मोबाइल फोन से कोई यादगार फोटो लेने से पहले, कैमरे की सेटिंग्स में जाकर जीपीएस टैग को ऑन कर लें. फोटो के साथ Latitude और Longitude के रूप में ये जानकारी भी कैद हो जाएगी कि आपने ये फोटो कहां पर ली थी. इसके लिए GPS Share या किसी और App की कोई जरूरत नहीं है. Latitude और Longitude हासिल करने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करने बाद इसे ऑफ करना नहीं भूलें वर्ना फोन की बैटरी तेजी से खर्च होती रहेगी.

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तो अब हो गया यादों को पूरी तरह सहेजने का पक्का इंतजाम. अब आप कह सकते हैं- 'नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा... बस ऐड्रेस ही पहचान है.'

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