सोशल मीडिया पर इन दिनों लोगों की सक्रियता काफी बढ़ गई है. ऐसे में लोग साइबर क्राइम के शिकार भी हो रहे हैं. अगर आप सोशल मीडिया यूजर हैं या पहली बार एकाउंट बनाने जा रहे हों, आपके लिए बेसिक प्राइवेसी टिप्स समझना बेहद जरूरी है. ये टिप्स आपको ऑनलाइन सुरक्षित बनाए रखने में मदद करेंगे.
प्राइवेसी सेटिंग्स को ध्यान से करें चेक
आप जो शेयर करते हैं, उसे कौन देख सकता है? आपने कभी इसकी जांच की है ? वहां कुछ ऐसी तस्वीरें हो सकती हैं, जिसे आप अपने दोस्तों के बीच निजी रखना चाहते हों या कोई टॉपिक, जिसे आप दूसरों के साथ शेयर नहीं करना चाहते हों. अच्छी खबर यह है कि आप यह दोनों कर सकते हैं. सिक्योरिटी जांच आपको समीक्षा करने और इसे व्यवस्थित करने में मदद करेगी कि कौन आपके पोस्ट्स के साथ आपके प्रोफाइल की निजी जानकारियों, जैसे-आपका फोन नंबर और ईमेल आईडी देख सकता है.
फेसबुक 'Audience selector' टूल की मदद से आप यह चुन सकते हैं कि आपने जो पोस्ट शेयर किया है, उसे कौन देख सकता है, फिर चाहे वे आपके दोस्त हों, पब्लिक हो या आपके खास लोग.
थर्ड पार्टी एप पर शेयर की जाने वाली जानकारियों पर कंट्रोल रखें
क्या आपने कभी एप को लॉगइन करने के लिए, जो आपके फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल करता हो, उसके लिए लॉगइन विद फेसबुक बटन दबाया है? ज्यादातर ऐसा होता है. आपने कई बार ऐसा किया भी होगा. इससे आपकी निजी जानकारियां लीक हो सकती हैं. तो जानें कि कैसे रखा जाए इस पर कंट्रोल.ऐसे रखें पर्सनल इंफॉर्मेशन पर कंट्रोल
- जब आप फेसबुक लॉगइन के माध्यम से किसी ऐप को लॉग इन करते हैं , तो यह आपको ऐप द्वारा आपसे मांगी गई सभी जानकारियों की सूची पर ले जाएगा.
- आप एक-एक इन्फॉर्मेंशन को चेक या अनचेक कर सकते हैं, ताकि आपका इस बात पर कंट्रोल रहे कि आप इस एप के साथ क्या शेयर करना चाहते हैं.
- अगर आप अपने फेसबुक अकाउंट से जुड़े सभी एप को देखना चाहते हैं तो फेसबुक एप सेटिंग्स पेज पर जाएं, वहां से भी आप उन एप को दी जाने वाली जानकारियों को कंट्रोल कर सकते हैं. यूज न होने वाले एप को फेसबुक से हटा भी सकते हैं.
फेक अकाउंट्स को करें ब्लॉक
कोई फेक मैसेज करे उसे ब्लॉक तो करने के साथ ही फेसबुक को रिपोर्ट करें ताकि कंपनी उसके खिलाफ कदम उठा सके.
आपत्तिजनक कंटेंट को रिपोर्ट करें
कई बार हम फेसबुक पर ऐसी चीजें देखते हैं जो हमारे या समाज के लिए अच्छी नहीं होतीं. ऐसे कंटेंट को रिपोर्ट कर सकते हैं. रिपोर्ट करने के बाद कंपनी उसका रिव्यू करती है और अगर उसकी पॉलिसी के खिलाफ हुआ तो उस कंटेंट को फेसबुक से हटा लिया जाता है.