देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली पुलिस के आंकड़े भी बताते हैं राजधानी महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित है. हाल ही में दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 8 महीने में दिल्ली से करीब 122 लड़कियां गायब हुई है. ऐसे में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्भया ज्योति ट्रस्ट और MSAI मोबाइल कंपनी ने एक पैनिक बटन लांच किया है.
"I Feel Safe" नाम का ये पैनिक बटन अब महिलाओं की सेफ्टी का पावर बटन है. इस मोबाइल एप्प का लांच निर्भया के माता-पिता और MSAI के सदस्यों ने एबीवीपी छात्र संगठन की मदद से दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं के बीच किया गया.
क्या है "I Feel Safe" एप्प ?
"I Feel Safe" एक मोबाइल appilcation है, जिसे आप किसी भी स्मार्टफोन में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. एप्प डाउनलोड करने के बाद आप अपने किसी भी 5 कॉन्टैक्ट यानि की दोस्त, परिवार के सदस्य या रिश्तेदार को एप्प में जोड़ सकते हैं. इस एप्प में 5 कांटेक्ट के अलावा एक कॉल सेंटर और एक पुलिस का 100 नंबर भी ऑटोमैटिकली एड होगा. यानि की जब भी आप खतरा महसूस होने पर पैनिक बटन दबाएंगे तो आपकी जानकारी, आपकी लोकेशन और टाइम आपके रजिस्टर किये हुए 5 कॉन्टेक्ट्स तक चली जायेगी.
इस एप्प की खास बात ये है कि एक बार इसे डाउनलोड करने के बाद आपको इसे इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट सेवा या वाई-फाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. आपको खतरा महसूस होने पर मोबाइल अनलॉक कर इस एप्प में भी नहीं जाना पड़ेगा. सिर्फ मोबाइल का पावर बटन पांच बार दबाने पर आपके सारे कॉन्टैक्स को आपकी डिटेज मैसेज से पहुंच जाएगी तो वहीं कॉल सेंटर को भी आपकी पैनिक होने की जानकारी मिल जाएगी. सेफ्टी का पावर बटन दबाने पर बिना 100 नम्बर डायल किए हुए भी पुलिस कंट्रोल रूम में आपका फोन लग जाएगा.
पैनिक बटन होता तो निर्भया बच जाती
"I Feel Safe" एप्प लांच करने पहुंचे निर्भया के माता-पिता सेफ्टी के पावर बटन को लांच करते हुए भावुक हो गए. निर्भया की माता आशा देवी ने कहा कि सभी को इस पैनिक बटन को अपने मोबाइल पर लांच करना चाहिए. ये बहुत अच्छी पहल है अगर निर्भया के वक्त ऐसा कोई पैनिक बटन होता तो निर्भया इतने निर्मम हादसे का शिकार नहीं होती और मेरी बेटी आज जिंदा होती.
MSAI की बिजनेस हेड भावना के मुताबिक इस पैनिक बटन को बनाने के पीछे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना मकसद है. अक्सर 100 नम्बर भी इंगेज या खराब मिलता है जैसा कि बुलंदशहर गैंगरेप के मामले में भी देखने को मिला. ऐसे में इस पैनिक बटन से आप एक बार में ही 7 जगहों तक अपनी सिचुएशन पहुंचा देते हैं कि आप खतरे में हैं. पुलिस का 100 नम्बर नहीं मिलने की सूरत में भी MSAI के कॉल सेंटर पर आपकी कॉल रजिस्टर होगी और आपके 5 अतिरिक्त कॉन्टैक्स तक आपका पैनिक मैसेज पहुंच जाएगा. अगर इनमें से एक भी मैसेज से आपकी मदद के लिए कोई आ गया तो महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध में निश्चित ही कमी आएगी.
दिल्ली विश्वविद्याल के कॉन्फ्रेस सेंटर में इस पैनिक बटन को लॉंच किया गया. लांच के दौरान करीब डीयू के अलग अलग कॉलेजों की 500 छात्राएं मौजूद थीं. छात्राओं के मुताबिक इस पैनिक बटन को लांच कर वो काफी कॉन्फिडेंट फील कर रही हैं. छात्राओं के मुताबिक जहां नेटवर्क या इंटरनेट की सुविधा नहीं होने पर भी काम करने वाले इस पैनिक बटन से काफी मदद मिलने की उम्मीद है.
एबीवीपी के राष्ट्रीय सहमंत्री श्रीनिवास और एबीवीपी के कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में मौजूद थे . एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा ने कहा कि कैंपस में छात्राओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एबीपीवी लगातार कोशिशें करता है, बावजूद इसके कई बार अप्रत्याशित घटनाएं होती हैं. अब इस पैनिक बटन के आने से छात्राओं का मनोबल बढ़ेगा. और एबीवीपी ऐसे सामाजिक कामों के लिए लगातार संघर्षरत रहेगा.