scorecardresearch
 

ट्राई की सिफारिश: DTH ऑपरेटर बदलने पर ना पड़े नए सेट-टॉप-बॉक्स की जरूरत

ट्राई ने सिफारिश की कि ग्राहकों को दी की जाने वाली सभी DTH और केबल सेट-टॉप-बॉक्स में इंटरऑपरेबिलिटी सपोर्ट होना चाहिए.

Advertisement
X
Photo For Representation
Photo For Representation

Advertisement

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने शनिवार को सिफारिश की कि ग्राहकों को दी की जाने वाली सभी DTH और केबल सेट-टॉप-बॉक्स (STB) में इंटरऑपरेबिलिटी सपोर्ट होना चाहिए. यानी ऐसे सेट-टॉप-बॉक्स अनिवार्य किए जाने चाहिए जो सभी के साथ चलाए जा सकें. ट्राई ने इसकी सिफारिश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से की है. ये जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से मिली है.

मौजूदा वक्त में ग्राहकों को DTH नेटवर्क बदलने पर सेट-टॉप-बॉक्स भी बदलना होता है. ट्राई के इस सुझाव पर अमल हुआ तो ग्राहकों को ऑपरेटर बदलने पर नया सेट-टॉप-बॉक्स खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ट्राई ने मंत्रालय से सिफारिश की है कि वह बिना सेट-टॉप-बॉक्स बदले ऑपरेटर बदलने की सुविधा अनिवार्य करे और इसके लिए जरूरी प्रावधान करे.

ये भी पढ़ें: अब अंडर डिस्प्ले सेल्फी कैमरे वाला फोन लाने की तैयारी में सैमसंग!

Advertisement

इसके अलावा भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सभी टेलीविजन सेट के लिए एक समान USB पोर्ट इंटरफेस को भी अनिवार्य करने की वकालत की है. ट्राई ने ये सुझाव दिया है कि भारत के सारे सेट-टॉप-बॉक्स में टेक्निकल इंटरऑपरेबिलिटी का सपोर्ट होना चाहिए. यानी ग्राहकों को दिए जाने वाले सारे STB इंटरऑपरेबल होने चाहिए.

ट्राई ने कहा कि इसके लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय को एक कॉर्डिनेशन कमेटी बनानी चाहिए, जिसमें मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ट्राई, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) मेंबर्स और टीवी मैन्युफैक्चरर्स के प्रतिनिधि शामिल हों. ट्राई ने कहा है कि ये कमेटी DTH और केबल टीवी सेगमेंट दोनों के लिए सेट-टॉप-बॉक्स के रिवाइज्ड स्टैंडर्ड्स को लागू करवाने का काम कर सकती है.

ट्राई ने कहा कि सेट-टॉप-बॉक्स बदले बिना ऑपरेटर बदलने की छूट नहीं होने से ग्राहकों की पसंदीदा सर्विस प्रोवाइडर चुनने की स्वतंत्रता का हनन होता है. इसके साथ ही टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, सर्विस क्वालिटी में सुधार और इसे सेक्टर की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है.

Advertisement
Advertisement