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आतंकी घटनाओं के बाद लोगों के मन के डर को खत्म करता है ट्वीट

अगर आप ट्विटर पर समय बिताने वाले लोगों को हल्के में लेते हैं तो संभव है कि आप गलतफहमी का शिकार हैं. एक ताजा स्टडी के मुताबिक, ट्विटर पर लोगों की ओर से किए जाने वाला ट्वीट डर खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है.

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अगर आप ट्विटर पर समय बिताने वाले लोगों को हल्के में लेते हैं तो संभव है कि आप गलतफहमी का शिकार हैं. एक ताजा स्टडी के मुताबिक, ट्विटर पर लोगों की ओर से किए जाने वाला ट्वीट डर खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है.

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यह स्टडी 2013 बोस्टन मैराथन बम विस्फोट की घटना के बाद विश्वभर के 95 शहरों में ट्विटर पर दी गई भावनात्मक प्रतिक्रिया पर की गई  है. इस स्टडी के मुताबिक, इस आतंकवादी घटना के बाद जनता के बीच व्याप्त भय से निपटने में सरकारी एजेंसी के लिए मददगार साबित हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग और कार्नल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने आतंकवादी घटना के बाद विश्वभर के समुदायों के लोगों के डर और सोशल नेटवर्किंग साइट पर उनकी प्रतिक्रिया का व्यापक स्तर पर विश्लेषण किया.

स्टडी के मुताबिक, बोस्टन के बाहर के समुदाय के लोगों ने 'प्रे फॉर बोस्टन' हैश टैग के साथ अपनी भावनाएं जाहिर की और कैसे उनकी भावनाएं भौगोलिक अंतर के बावजूद एक-दूसरे से जुड़ी हुई थीं. शोधार्थी यू-रू लिन ने कहा, 'हमारे शोध के परिणाम निश्चित रूप से उन अधिकारियों की मदद करेंगे जो अन्य देशों में होने वाली घटनाओं पर अपने देश के लोगों की प्रतिक्रिया का अनुमान लगा रहे हैं.'

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इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 95 शहरों के 18 करोड़ लोगों के ट्वीट का विश्लेषण किया. अध्ययन में लोगों की एकजुटता और सहानुभूति दर्शाने वाले ट्वीट की पहचान करने के लिए हैशटैग का भी इस्तेमाल किया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ शहरों के लोग खास तरह की भावनाएं जाहिर कर रहे थे.

-इनपुट IANS

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