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सोशल मीडिया पर भेदभाव को लेकर ट्विटर के अधिकारी तलब

भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने अगले सप्ताह होने वाली समिति की बैठक के एजेंडे के बारे में ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा कि ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों को इस मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

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ट्विटर के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग. (फाइल फोटो)
ट्विटर के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग. (फाइल फोटो)

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संसदीय समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर नागरिकों के अधिकार के सुरक्षा के मुद्दे पर ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को तलब किया है. इन्हें अगले हफ्ते समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

समिति ने कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा है. यह बैठक 11 फरवरी को होनी है. इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भेदभाव का मामला भी उठाया जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने अगले सप्ताह होने वाली समिति की बैठक के एजेंडे के बारे में ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा कि ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों को इस मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

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अनुराग ठाकुर ने आम जनता से भी इस मामले में विचार और सुझाव मांगे हैं. बता दें कि दो दिन पहले ही दक्षिणपंथी संगठन- यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इनका आरोप था कि ट्विटर ने "दक्षिण पंथ विरोध रुख" अख्तियार किया है और उनके ट्विटर खातों को बंद कर दिया है.

संगठन के कुछ लोगों ने इस बारे में अगुराग ठाकुर को भी चिट्ठी लिखी थी. समिति ने इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को फेसबुक और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों से "लिखित में प्रतिबद्धता" लेने का निर्देश दिया था कि उनके मंचों का इस्तेमाल भारतीय चुनावों को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जाएगा.

ट्विटर इंडिया के खिलाफ मार्च में शामिल लोगों ने दावा किया था कि उनको फॉलो करने वालों को उनका ट्वीट नहीं दिखता है. इसके साथ ही दावा है कि लेफ्ट विंग का ट्वीट बिना फॉलो किए हुए भी दिखता रहता है.

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