नोटबंदी के बाद से कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए भारत में आजकल काफी जोर दिया जा रहा है. इसी मकसद से पिछले साल केंद्र सरकार ने UPI पेमेंट सर्विस की शुरुआत की थी. इसकी मदद से दो बैंको के बीच ऐप के जरिए पैसे का लेने देन किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखकर कई बैंको ने भी अपने-अपने यूपीआई ऐप शुरू किए थे, जिससे मुफ्त में भुगतान किए जा सकते हैं. लेकिन अब खबर मिली है कि 10 जुलाई से UPI से भुगतान में पैसे देने होंगे.
गैजेट्स 360 की खबर के मुताबिक, HDFC बैंक ने कुछ ग्राहकों को ई-मेल भेजा है, जिसमें ये लिखा हुआ है कि 10 जुलाई से UPI से पेमेंट करने पर शुल्क लगेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1 से 25,000 रुपये तक के पेमेंट के लिए 3 रुपये (टैक्स अतिरिक्त) का शुल्क लगेगा, वहीं 25,001 से 100,000 लाख रुपये तक के भुगतान के लिए 5 रुपये (अतिरिक्त शुल्क) का शुल्क वसूला जाएगा.
चूंकि ये मेल HDFC बैंक की तरफ से भेजा गया है, ऐसे में ये साफ नहीं है कि ये शुल्क केवल HDFC बैंक ही वसूलेगी या बाकी बैंक भी यही करेंगे. लेकिन अगर सभी बैंको के लेन-देन में शुल्क वसूला जाने लगा तो लोग फिर से नकदी की ओर भागने लगेंगे.
गैजेट्स 360 को NPCI के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर दिलीप अस्बे का जो मेल आया उसने उन्होंने लिखा है, 'हमने हर बैंक को यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस उपलब्ध कराया है. अभी तक किसी बैंक द्वारा यूपीआई पेमेंट पर शुल्क लगाए जाने की जानकारी नहीं है. लेकिन बैंक चाहें तो दो खाता धारकों के बीच में यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए शुल्क ले सकते हैं. लेकिन दुकानों में इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए भुगतान करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा. यह एनपीसीआई की गाइडलाइन में साफ-साफ लिखा है.'