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व्हाट्सऐप का दावा फेल, लीक हो सकती हैं मैसेज की सभी डिटेल

व्हाट्सऐप के दुनियाभर में भारी तादाद में यूजर्स हैं लेकिन क्या उनका डेटा सुरक्षित है. हाल ही में एक रिपोर्ट पेश किया गया है जिससे पढ़ कर आपकी आंखें खुल जाएंगी. इस रिपोर्ट का मानना है कि एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन का दावा करने वाले व्हाट्सऐप के सारे डेटा सरकार की पहुंच में है. यानी ऐप की पॉलिसी सरकार से यूजर की प्राइवेसी सुरक्षित रखने के लिहाज से काफी कमजोर है.

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सेफ नहीं है व्हाट्सऐप डेटा
सेफ नहीं है व्हाट्सऐप डेटा

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व्हाट्सऐप के दुनियाभर में भारी तादाद में यूजर्स हैं लेकिन क्या उनका डेटा सुरक्षित है. हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की गई है जिसे पढ़ कर आपकी आंखें खुल जाएंगी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन का दावा करने वाले व्हाट्सऐप का सभी डेटा सरकार की पहुंच में है. यानी ऐप की पॉलिसी सरकार से यूजर की प्राइवेसी सुरक्षित रखने के लिहाज से काफी कमजोर है.

 द टेलीग्राफ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, डिजिटल राइट्स ग्रुप के इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन (EFF) के एनुअल रिपोर्ट में ये बात कही गई है. एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन होने के बावजूद व्हाट्सऐप को 2 स्टार रेटिंग दिया गया है. इस हफ्ते जारी रिपोर्ट में कहा गया कि, व्हाट्सऐप स्पष्ट रूप से ये साफ नहीं करती कि यूजर के डेटा तक किसी थर्ड पार्टी की पहुंच नहीं है. न ही ये कहती है कि किसी थर्ड पार्टी को सर्विलांस उद्देश्यों से यूजर के डेटा के इस्तेमाल के लिए बैन किया गया है.

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रिपोर्ट में इंटरनेट प्राइवेसी कैंपेनर का दावा है कि फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने यूजर्स से अपने डेटा को सरकारों से सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं और ऐप अपराधियों द्वारा भेजे गए मैसेज को भी कंट्रोल करने में भी नाकाम रहा है. EFF के एनुअल रिपोर्ट इस बात पर आधारित है कि कैसे कंपनियां अपने यूजर्स के डेटा पर सरकारी नियमों के साथ डील करती हैं.

कंपनियों को 0-5 स्टार विभिन्न बातों को ध्यान में रखकर दिया जाता है जिसमें ये भी शामिल है कि क्या ग्राहकों को सरकार के किशी निवेदन के बारे में सूचना है. व्हाट्सऐप के साथ साथ अमेजन को भी केवल 2 स्टार ही दिए गए हैं.

इस रिपोर्ट से एक वाजिब सवाल पैदा होता है कि अगर सरकारें व्हाट्सऐप के मैसेज पढ़ने में सक्षम होती हैं तो वे एक्टिविस्ट, पत्रकार और अपने नागरिकों के हर पहलू पर नजर रख सकती हैं. क्योंकि हमारी लगभग जानकारियां आजकर ऑनलाइन उपलब्ध होती हैं. जैसे कौन किससे क्या बात कर रहा है, कहां जा रहा है, किससे मिल रहा है, किस धर्म का है, किस पॉलिटिकल पार्टी से ताल्लुकात रखता है सबकुछ. तो प्राइवेसी एक बेहद गंभीर मुद्दा है.

 

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