Facebook अब उस पॉलिसी को बंद करने की प्लानिंग कर रहा है जिससे नेताओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट मॉडरेशन नियमों में छूट दी गई थी. इसको लेकर The Verge ने रिपोर्ट किया है. ये बदलाव तब किया जा रहा है जब इस मुद्दे पर Facebook की काफी आलोचना की गई है.
इसको लेकर पत्रकार, कानून निर्माता, और Facebook के खुद के कर्मचारियों ने आलोचना की है. इसके बाद इस नियम को चेंज किया जा रहा है. इस नियम में राजनेताओं को कंटेंट मॉडरेशन रूल्स में छूट दी जा रही थी. इस रूल पर कहा जा रहा था राजनेता इसका गलत फायदा उठा कर गलत जानकारी शेयर करते हैं. लीडर्स आलोचनाओं को दबा देते हैं और विपक्ष को परेशान करते हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अकाउंट के साथ क्या करना है कंपनी इस पर विचार कर रही है. हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को शेयर करने की वजह से ट्रंप का अकाउंट बैन कर दिया गया था. इसको लेकर कहा जा रहा है कंपनी इसे हमेशा के लिए बैन रख सकती है.
जिस रूल के अनुसार नेताओं को छूट मिलती है उसमें कहा गया है नेताओं के बयान न्यूज के लायक और जनहित में होते हैं. इस वजह से आक्रामक, विवादास्पद या धमकी भरे बयान पर भी कंपनी कार्रवाई नहीं करती थी. इसको लेकर काफी आलोचना भी हो रही थी. अब इसमें बदलाव की बात कही जा रही है.
इससे पहले कंपनी की ओर से कहा गया था किसी का बयान अगर हमारे मानक रूल्स को तोड़ता है लेकिन वो जोखिम फैलाने वाला नहीं है. ऐसे बयान जनहित के लिए जारी किया गया है तो कंटेंट को प्लेटफॉर्म पर जगह दी जाएगी.
इसके बावजूद Facebook ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति का अकाउंट बैन कर दिया था क्योंकि वो लगातार हिंसा को सपोर्ट करने वाले पोस्ट कर रहे थे. Facebook और Twitter ने काफी टाइम पहले ही डिसाइड किया था नेताओं के पोस्ट पर सेंसर नहीं लगाना चाहिए. हालांकि फेक पोस्ट को लेबल करने के लिए इन्होंने कुछ कदम उठाए हैं.