IPL Auction साउदी अरब के शहर जेद्दा में 24 और 26 नवंबर को होने जा रहा है. इस दौरान सभी टीमों के मालिक अपनी क्रिकेट टीम को मजबूत बनाने के लिए बेहतरीन प्लेयर्स को अपनी टीम में शामिल करने की कोशिश करेंगे.
ऑडियंस और अन्य कैमरे
ऑडियंस के लिए फैन कैमरा का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें फैन के एक्शन को कैप्चर किया जाता है. इसमें पिच कैमरे भी शामिल होते हैं, जो पिच की कंडिशन को दिखाता है. यह प्री और पोस्ट मैच के लिए इस्तेमाल करने को एनालाइज करता है.(Photo: Getty image)
ट्रैकिंग और रीप्ले के लिए अलग-अलग कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें ड्रोन कैमरा, 360-डिग्री कैमरे शामिल हैं. ड्रोन कैमरा को स्टेडियम और आसपास के इलाकों के डायनामिक एरियल शॉट्स लेने में इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, 360-डिग्री कैमरे का इस्तेमाल रीप्ले किया जाता है. (Photo: AFP )
Broadcast कैमरा मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. इसमें एक मैन कैमरा होता है, जो एक हाई डेफिनेशन कैमरा होता है. ये कैमरे अलग-अलग एंगल पर होता है. दूसरा वाइड एंगल कैमरा होता है. (Photo: Getty image)
ट्रैकिंग और रीप्ले कैमरे
ट्रैकिंग और रीप्ले के लिए अलग-अलग कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें ड्रोन कैमरा, 360-डिग्री कैमरे शामिल हैं. ड्रोन कैमरा को स्टेडियम और आसपास के इलाकों के डायनामिक एरियल शॉट्स लेने में इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, 360-डिग्री कैमरे का इस्तेमाल रीप्ले किया जाता है. (Photo: AFP)
क्या है स्पाइडर कैम?
स्पेशलिटी कैमरे की कैटेगरी में कई कैमरे शामिल होते हैं, जिसमें स्पाइडर कैम, स्टंप कैमरा आदि के नाम शामिल हैं. Spidercam/Flycam तारों के सहारे से मैदान के ऊपर लटकाया जाता है. इस कैमरे को मैदान के ऊपर सभी दिशाओं में घुमाया जा सकता है और डायनैमिक व्यू दिखाता है. (Photo: AFP)
क्या है एक्शन कैमरों का काम ?
एक्शन कैमरे की लिस्ट में हेलमेट कैमरा और अंपायर कैमरे का नाम शामिल है. हेलमेट कैमरे को खिलाड़ी के हेलमेट पर लगाए जाते हैं, इसका इस्तेमाल फर्स्ट-पर्सन व्यू दिखाने के लिए किया जाता है. अंपायर कैमरे को आपने जरूर देखा होगा, जो अंपायर की टोपी पर लगाए जाते हैं. यह एक अनोखा एंगल दिखाने का काम करता है. (Photo: Getty image)
स्टंप कैमरे की खूबियां
स्टंप कैमरे के नाम से ही पता चलता है कि स्टंप पर लगे होते हैं. ये कैमरे स्टंप के अंदर फिट किए जाते हैं. ये कैमरे गेंदबाजी की डिलिवरी, बल्लेबाज के शॉट्स और आउट होने की फुटेज को कैप्चर करते हैं. (Photo: Getty image)
साउंड सिस्टम के साथ काम करने वाले कैमरों को स्निकोमीटर कैमरे कहते हैं. बल्ले और गेंद के हल्के से कनेक्शन को भी पहचानते हैं. इसके अलावा हीट-सेंसिंग (हॉट स्पॉट) कैमरे, असल में इंफ्रारेड कैमरे होते हैं, जो गेंद के संपर्क में आने से जनरेट होने वाली ऊष्मा को पहचानते हैं. (Photo: Getty image)