एंड्रॉयड डिवाइस यूजर्स की प्राइवेसी फिर से खतरे में आ गई है. 10 करोड़ से ज्यादा एंड्रॉयड डिवाइस जिन पर 2 दर्जन से अधिक ऐप्स इंस्टॉल थे वो यूजर्स के डेटा को लीक करते हुए पाए गए. Check Point Research ने इसके बारे में पता लगाया है. इसको लेकर उन्होंने ऐप्स की लिस्ट भी जारी की है. कुछ काफी पॉपुलर ऐप्स का भी नाम इसमें है.
Check Point Research के अनुसार इन ऐप्स की मदद से हैकर्स एंड्रॉयड डिवाइस से पर्सनल जानकारी हासिल कर लेते हैं. इन डिवाइस में सिर्फ मोबाइल ही नहीं बल्कि टैबलेट भी शामिल है. सबसे खराब बात ये है लाखों यूजर्स का पर्सनल डेटा रियल टाइम डेटाबेस पर उपलब्ध है जो इन एंड्रॉयड ऐप्स से लिंक्ड है.
रिपोर्ट में Check Point Research टीम ने कुछ पॉपुलर ऐप्स के बारे में बताया है. ये ऐप्स एस्ट्रोलॉजी, फैक्स, टैक्सी सर्विस और स्क्रीन रिकॉर्डिंग कैटेगरी से है. रिसर्चर ने बताया इस लिस्ट से उन लोगों ने कम से कम तीन ऐप्स को खोजा है. ये ऐप्स Astro Guru, T’Leva (टैक्सी संबंधित ऐप 50,000 से ज्यादा डाउनलोड) और Logo Maker है.
इन ऐप्स से पर्सनल डेटा रिस्क पर रहता है. इन ऐप्स यूजर्स के ईमेल, पासवर्ड, नाम, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर, डिवाइस लोकेशन, प्राइवेट चैट को हैकर्स आसानी से हासिल कर सकते हैं. रिसर्चर T’Leva ऐप पर यूजर और टैक्सी ड्राइवर के चैट को भी एक्सेस कर पा रहे थे.
ये सभी ऐप्स रियल टाइम डेटाबेस से कनेक्ट है इसलिए हैकिंग का खतरा ज्यादा है. T’Leva ऐप के डेटाबेस में बस एक रिक्वेस्ट सेंड करके वो यूजर्स की कई जानकिरयां हासिल कर सकते हैं. इससे इस बात का अंदाजा लगा लीजिए इनकी सिक्योरिटी कितनी कमजोर है.
हैकर्स इसके नोटिफिकेशन मैनेजर को एक्सेस करके यूजर्स को किसी थर्ड पार्टी ऐप भी इंस्टॉल करवा सकते हैं. यूजर्स नोटिफिकेशन को डेवलपर्स की ओर से आया समझ के ऐप को इंस्टॉल कर सकते हैं. इससे उनके फोन का सारा डेटा हैक हो सकता है. अभी के लिए जब तक इन ऐप्स की सिक्योरिटी को बढ़ाया नहीं जाता है तब तक आप इसे अपने फोन से डिलीट कर दें.