इंटरनेट और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आजकल आपने 30 लाख स्मार्ट टूथब्रश के हैक होने की खबर देखी होंगी. यह न्यूज आजकल वायरल हो रही है, लेकिन क्या आप इसके पीछे का सच जानते हैं. दरअसल, आज आपको बताने जा रहे हैं कि क्या 30 लाख Smart Toothbrushes को हैक किया है या नहीं?
सबसे पहले इस वायरल न्यूज के बारे में जान लेते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक स्विस फर्म ने DDoS Attack के जरिए 30 लाख स्मार्ट टूथब्रश को हैक कर लिया है. कई रिपोर्ट्स में बताया है कि इससे आपकी प्राइवेसी और सेंसटिव डेटा लीक हो सकता है. क्या असल में ऐसा कुछ हुआ है. आइए इसके पीछे की सच्चाई जानते हैं.
Forbes की रिपोर्ट्स में इस वायरल स्टोरी की जांच पड़ताल की और इसके पीछे छिपे सच को खोजने की कोशिश की. दरअसल, इस वायरल स्टोरी की शुरुआत एक इंजीनियर के कमेंट से हुई, जो स्विस की साइबर सिक्योरिटी फर्म Fortinet से हैं.
फोर्ब्स की तरफ से जब उससे संपर्क करने की कोशिश की, तो वहां से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद एक जाने-माने एक्स्पर्ट Kevin Beaumont ने 30 लाख टूथब्रश हैकिंग के दावे को नकार दिया. उन्होंने कहां कि यह स्टोरी सच नहीं हो सकती है.
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जर्मन स्पीकर और साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म Netwrix के वाइस प्रेसिडेंट Dirk Schrader ने 30 लाख स्मार्ट टूथब्रश के हैकिंग की सच्चाई बताने की कोशिश की. उन्होंने सबसे पहले उस ओरिजनल आर्टिकल को देखा, जो स्विस न्यूजपेपर Aargauer Zeitung में छपा था.
Schrader ने बताया कि ओरिजनल आर्टिकल में किसी भी डिवाइस या स्मार्ट टूथब्रश के किसी मॉडल का नाम का नाम नहीं दिया, ना किसी सस्पेक्ट का नाम बताया है और ना ही इसके पीछे का मकसद बताया है.
यह देखने में एक साधारण चेतावनी नजर आती है, जो इंटरनेट से कनेक्ट किसी भी छोटे और बड़े डिवाइस को प्रोटेक्ट करने का काम करती है. Schrader ने बताया, मुझे लगता है कि यह एक थियोरिटिकल और खराब उदाहरण है और इसमें इसे समझने में कोई चूक हुई है.
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अधिकतर Smart Toothbrush में ब्लूटूथ लो एनर्जी पर काम करता है, जो Wifi कनेक्टिविटी की तुलना में काफी कम होती है, ऐसे में किसी डिवाइस को हैक करना काफी मुश्किल है. हालांकि 30 लाख स्मार्ट टूथब्रश को हैक किया जा सकता है? यह एक बड़ी चर्चा का विषय है.
साइबर सिक्योरिटी फर्म Fortinet की कंफर्मेशन आने तक इस जवाब तक पहुंचना मुश्किल है. Schrader ने बताया कि यहां ट्रांसलेशन में कुछ मिसिंग हुआ है, जिसकी वजह से यह न्यूज जंगल में आग की तरह तेजी से फैल रही है.
हालांकि इस दौरान ऐसा नहीं है कि इंटरनेट ऑफ थिंग डिवाइस की सिक्योरिटी पर हम गंभीरता ना दिखाएं. गंभीरता दिखाना जरूरी है क्योंकि बीते सालों में कई डिवाइस को हैक करने की सही खबरें सामने आ चुकी हैं. Schrader ने बताया कि इस तरह की रिपोर्ट्स स्मार्ट डिवाइस को सुरक्षित करने में मदद नहीं करती हैं.