Bhart 6G Alliance: भारत में अब 6G लाने की तैयारी तेज हो गई हैं. सोमवार को टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 6G को लेकर नए एलाइंस की शुरुआत की. ये एलाइंस भारत में नई टेलिकॉम तकनीक और 6G के विकास के लिए काम करेगा. नेक्स्ट जनरेशन की इस तकनीक को लाने के लिए भारत समय रहते तैयारी करना चाहता है, ताकि अन्य देशों में आने वाली तकनीक पर निर्भरता को कम किया जा सके. साथ ही वह इन तकनीक के निर्यात में भी अहम भूमिका अदा करना चाहता है.
6G Alliance सार्वजनिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और अन्य विभाग का गठजोड़ है. इसमें सभी 6G को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देंगे. साथ ही नए आइडियो के साथ इसे बेहतर बनाया जाएगा. इसमें नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट एंड साइंस ऑर्गनाइजेशन का भी साथ होगा.
इसी साल मार्च में पीएम मोदी ने 6G विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था. इसके साथ ही 6G टेस्ट बेड्स का भी ऐलान किया गया था. दरअसल टेस्ट बेड्स में किसी भी टेक्नोलॉजी को लॉन्च से पहले टेस्ट किया जाता है. ये एक तरह का ट्रायल होता है जो लॉन्च से काफी पहले किया जाता है.
बहरहाल अभी देश भर में 5G पूरी तरह से नहीं आ सका है. कंपनियों में 5G रोलआउट तो कर दिया है, लेकिन हर किसी को 5G नहीं मिल पा रहा है. इसलिए अभी ये कहना है कि 6G की तैयारी हो रही है थोड़ी जल्दबाजी भी होगी.
Bhart 6G Alliance के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए विजन को पूरा करना है. भारत में 2030 तक 6G को पेश करना है, ताकि भारत दुनिया के अन्य देशों के साथ कदम से कदम मिला सके. भारतीय डिजिटल इकोनोमी साल 2025 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी.
दूसरसंचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने 30 जून को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि दूरसंचार विभाग की PLI और टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड(TTDF) स्कीमों के द्वारा पूर्णतः स्वदेशी टेलीकॉम टेक्नोल और मैन्युफ्रैक्चरर विकास हो रहा है.इससे भारती नागरिकों को किफायती दामों पर लेटेस्ट टेलीकॉम सुविधाएं मिल सकेंगी.
मंत्री अश्विनी वैष्णव मार्च महीने के दौरान बता चुके हैं कि भारत के पास 6G के लिए 127 पेटेंट मौजूद हैं. इससे भारत को 6G के सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा.