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बुजुर्ग ने खुद तोड़ी अपनी FD, डेढ़ करोड़ रुपये भी कर दिए ट्रांसफर... साइबर ठगी का अनोखा मामला

साइबर स्कैम का एक नया मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति को 1.52 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा. दरअसल, यह एक कुरियर स्कैम, जहां बुजुर्ग को एक व्यक्ति को एक कॉल आता है, जो बताता है कि उसके नाम से एक कुरियर आया था, जिसमें कुछ गैर कानूनी आइटम मौजूद हैं. आखिर में जाकर वह 1.52 करोड़ रुपये के फ्रॉड का शिकार हो जाता है. आइए इस स्कैम के बारे में जानते हैं.

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Courier Scam का नया केस सामने आया है, जहां 1.52 करोड़ रुपये की ठगी हुई है.
Courier Scam का नया केस सामने आया है, जहां 1.52 करोड़ रुपये की ठगी हुई है.

साइबर स्कैम के आए दिन नए-नए केस पढ़ने को मिल रहे हैं, अब लेटेस्ट स्कैम सामने आया है. इस लेटेस्ट केस में बुजुर्ग को 1 या 2 लाख रुपये का नहीं, बल्कि पूरे 1.52 करोड़ रुपये का चूना लगा है. दरअसल, बुजुर्ग से यह रुपये Courier Scam के तहत लूटे गए हैं. आइए इस मामले के बारे में जानते हैं और कैसे इससे दूर रहें. 

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दरअसल, यह मामला बेंगलुरू का है, जहां एक बुजुर्ग को कुरियर स्कैम का सामना करना पड़ा है. इस दौरान बुजुर्ग को डराया-धमकाया और जेल तक ले जाने की धमकी दी गई. आखिर में जाकर बुजुर्ग के बैंक अकाउंट से 1.52 करोड़ रुपये उड़ा लिए गए. 

बुजुर्ग के साथ कैसे शुरू हुआ स्कैम? 

बेंगलुरू में रहने वाले बुजुर्ग का नाम देबासिश दास है. एक दिन उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसने खुद को कार्तिकेय बताया. उसने बताया कि वह एक जानी-मानी कुरियर कंपनी में काम करता है. इसके बाद कार्तिकेय ने बताया कि बुजुर्ग के खिलाफ मुंबई में एक केस दर्ज किया है. 

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बताई, केस दर्ज करने की वजह 

कार्तिकेय ने बुजुर्ग को बताया कि उनके नाम से ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसमें कई गैर कानूनी आइटम मौजूद हैं. उस बॉक्स में 5 एक्सपायर्ड पासपोर्ट, छह क्रेडिट कार्ड और 950 ग्राम प्रतिबंधित आइटम पदार्थ मिला है. 

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स्काइप कॉल से कनेक्ट होने को कहा

खुद को कार्तिकेय बताने वाले स्कैमर्स ने बुजुर्ग को अंधेरी पुलिस ऑफिसर को स्काइप पर कॉल करने को कहा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुजुर्ग को एक लिंक प्रोवाइड कराया गया, जिस पर क्लिक करने के बाद दास को सामने एक व्यक्ति नजर आया. उस व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का ऑफिसर प्रदीप सावंत बताया. 

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बुजुर्ग को डराया और धमाका 

बुजुर्ग दास को डराने और धमकाने के लिए फेक क्राइम ब्रांच ऑफिसर ने बताया कि बुजुर्ग के नाम कई बैंक हैं, जिनका इस्तेमाल मनी लाउंड्रिंग में इस्तेमाल किया गया. इसके बाद बुजुर्ग ने अपनी तरफ से इन आरोपों का खंडन किया. इसके बाद स्कैमर्स ने बताया कि बुजुर्ग को इस मामले से अपना नाम हटाने के लिए डिप्टी कमिश्नर ऑप पुलिस के सामने सभी बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स शेयर करनी होगी. 

फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग तोड़ने को कहा

फेक डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने बुजुर्ग को बताया कि आपको अपने सभी फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग अकाउंट को बंद करके, पूरी रकम एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करनी होगी. इसके बाद एक प्रोसेस होगा, जिसके पूरा होने के बाद बुजुर्ग का अमाउंट 30-40 मिनट के अंदर ट्रांसफर कर दिया जाएगा. एक बार अमाउंट ट्रांसफर करने के बाद स्कैमर्स ने उस अकाउंट को सीज कर लिया और कम्यूनिकेशन के सभी माध्यम बंद कर दिए.

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इस तरह के फ्रॉड से कैसे करें बचें? 

अगर आपके पास ऐसी कॉल आती है, जो खुद को CBI, पुलिस या फिर अन्य सरकारी एजेंसी का ऑफिसर बताता है और आपसे बैंक डिटेल्स मांगता है. तो सबसे पहले जरूरी है कि कॉल को काटे और उस कॉलर की सच्चाई को जानने की कोशिश करें. कुछ ऑनलाइन टूल्स की मदद से मोबाइल नंबर की लोकेशन भी जान सकते हैं. 

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