साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं, जहां स्कैमर्स लोगों को ठगने के अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं. बीते 7 दिनों में दिल्ली और लखनऊ से ऐसे केस सामने आए हैं, जहां स्कैमर्स ने ठगने के लिए किसी रिश्तेदार या किसी फैमिली फ्रेंड की फेक आवाज निकाली और कई हजार रुपये ठग लिए.
दरअसल, आवाज बदलकर बात करना वैसे तो एक कला है, जिसमें कुछ लोगो को महारत हासिल होती है. मौजूदा समय में कई लोग AI तकनीक का यूज़ करके दूसरों की आवाज को कॉपी कर लेते हैं. इसके बाद वे इन आवाज का इस्तेमाल लोगों को ठगने के लिए करते हैं. आइए जानते हैं हाल ही में ऐसे ठगी के केस के बारे में और इससे बचाव के लिए क्या करें?
दिल्ली में हुआ था फ्रॉड: दरअसल, बीते सप्ताह दिल्ली में एक साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया. इस केस में विक्टिम को फेक आवाज निकालकर ठगने का काम किया. इसमें फेक किडनैपिंग का सहारा लिया. स्कैमर्स ने विक्टिम को बताया कि तुम्हारे भाई के बेटे को किडनैप कर लिया है और आखिर में वह 50 हजार रुपये के साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया.
लखनऊ से सामने आया नया केस: उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर से भी एक मामला सामने आया है, जिसमें AI जनरेटेड वॉयस का यूज़ किया. इसमें विक्टिम के साथ 44,500 रुपये की ठगी हुई. इसमें 25 साल के युवक को एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसकी आवाज उसके एक रिश्देदार जैसी थी. इसके बाद उन्होंने कुछ रुपये मांगे और UPI से ट्रांसफर करने को कहा, आखिर में वह 45 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गया.
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साइबर सिक्योरिटी फर्म Mcafee का हाल ही में एक सर्व सामने आया था. इस सर्वे में दावा किया कि भारतीयों के साथ होने वाले साइबर फ्रॉड में आधे से ज्यादा केस AI Voice Scam से जुड़े हैं, जिसकी हिस्सेदारी 69 प्रतिशत की है. सर्वे में बताया गया कि 47 प्रतिशत भारतीय ऐसे हैं, जो साइबर फ्रॉड के शिकार हुए या फिर उन्होंने इस केस के बारे में सुना है.
AI Voice Scam में साइबर ठग मासूम लोगों को ठगने के लिए आवाज बदलकर उनके किसी रिश्तेदार जैसी वॉयस जनरेट करते हैं. इसके बाद कई लोग धोखा खा जाते हैं. आज आपको कुछ खास सेफ्टी टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप खुद को AI Voice Scam से सेफ रख सकते हैं.
AI Voice Scam में स्कैमर्स अक्सर नंबर चेंज करके कॉल करते हैं और रुपयों की मांग करते हैं. इसमें वह किडनैपिंग से लेकर EMI भरने तक का झांसा दे सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप क्रॉस चेक कर लें.
दरअसल, अगर कोई किडनैपिंग का डर दिखाकर आपको ठगने की कोशिश करता है, तो पैनिक ना हों, कुछ देर सब्र करें और जिस व्यक्ति की किडनैपिंग का दावा किया है, उसके नंबर पर कॉल करें. अगर वह कॉल उठा लेगा, तो सच का खुलासा हो जाएगा.
साइबर ठग AI की मदद से डुप्लीकेट वॉयस जनरेट करते हैं, तो ध्यान रखें कि आप कुछ देर तक बात करने की कोशिश करें. इस दौरान आप दूसरे रिश्तेदारों की बात करने से लेकर उन्हें किस काम के लिए रुपये चाहिए, उसके बारे में भी पूछ सकते हैं. ऐसे में वह जल्दी जवाब नहीं दे पाएगा. इसके बाद फर्जी और असली की पहचान करने में आपको मदद मिल सकती है.
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दरअसल, कई बार कुछ AI वॉयस चेंजर के प्रोसेस में मैकेनिज्म साउंड आता है. ऐसे में अगर आप उससे कुछ देर तक बात करेंगे, तो इस मैकेनिज्म साउंड पर ध्यान दें. इसके बाद आप फेक कॉल की पहचान कर सकते हैं.
दरअसल, किडनैपिंग या किसी को रुपये की जरूरत होती है, तो वह जल्दी रुपये ट्रांसफर करने को कहता है. इसके लिए जरूरी है कि आप पैनिक ना हों. पहले उसके बारे में क्रॉस चेक करें और सच्चाई जानने की कोशिश करें.