आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI इस साल की शुरुआत से ही चर्चा में है. खासकर ChatGPT के पॉपुलर होने के बाद से इस पर आम आदमी भी बात कर रहे हैं. इसे लेकर कई तरह की रिपोर्ट्स तक आ चुकी हैं. किसी ने इसे इंसानियत के लिए खतरा तो किसी ने लोगों की नौकरी पर खतरा बताया है.
सरकार ने इसे लेकर बड़ी जानकारी दी है. केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को जानकारी दी कि सरकार AI को रेगुलेट करेगी, जिससे डिजिटल सिटीजन को कोई नुकसान ना पहुंचे. उन्होंने बताया कि हम इसका ध्यान रखेंगे कि AI का इस्तेमाल अच्छे के लिए हो, ना कि लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यही नियम किसी भी टेक्नोलॉजी या Web3 जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर टॉक्सिटी और अपराध बढ़ रहे हैं. हम डिजिटल सिटीजन्स को इस तरह से नुकसान पहुंचने नहीं दे सकते हैं.
AI या इस जैसे दूसरे प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स को होने वाले नुकसान को कम करना होगा या फिर इन्हें भारत में काम नहीं करने दिया जाएगा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री से AI की वजह से जाने वाली नौकरियों पर भी सवाल किया गया.
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में AI ने एक करोड़ से ज्यादा जॉब्स क्रिएट की हैं. एक संभावना ये है कि AI किसी दिन इतना इंटेलिजेंट हो जाएगा कि इंसानों को रिप्लेस करेगा. लेकिन फिलहाल AI का यूज सिर्फ कामों तक ही सीमित है. इससे एफिशिएंसी क्रिएट होगी. इसकी संभावना है कि आने वाले दिनों में ये रूटीन जॉब्स को रिप्लेस कर सकता है. '
उन्होंने कहा कि AI की वजह से लोगों की नौकरी पर खतरे जैसी कोई बात फिलहाल नहीं है. मौजूदा AI को टास्क के हिसाब से डेवलप किया गया है और वो रीजनिंग या लॉजिक का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. ज्यादातर नौकरियों में रीजनिंग और लॉजिक की जरूरत होती है, जो फिलहाल कोई भी AI नहीं कर सकता है.