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AI को लेकर अमेरिका का बड़ा फैसला, Joe Biden ने पास किया ऑर्डर, अब नहीं होगी मनमानी

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO) साइन किए और AI को रेगुलेट करने को कहा. उन्होंने इसपर कहा, 'यह पूरी दुनिया में कहीं भी किसी भी सरकार द्वारा AI पर सुरक्षा के मद्देनजर की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई है'. बाइडेन ने आगे कहा कि आने वाले 10 या 5 साल मे तकनीक में इतने बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जो हमने अभी तक बीते 50 साल में भी नहीं देखे हैं.

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AI को रेगुलेट करने के लिए नए शक्तियां देगा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO).
AI को रेगुलेट करने के लिए नए शक्तियां देगा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO).

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की चर्चा पूरी दुनिया में है. जहां AI तकनीक ऑटोमेशन को नेक्स्ट लेवल पर लेकर जाएगी, वहीं बहुत से लोग इससे होने वाले खतरे को लेकर भी परेशान हैं, जिसमें नौकरी जाना भी शामिल है. इसी बीच सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (America President Joe Biden) ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO) पर साइन किया, जो Artificial Intelligence को रेगुलेट करने का काम करेगा. नए ऑर्डर के बाद AI पर सेफ्टी और प्राइवेसी के मद्देनजर नए स्टैंडर्ड तैयार किए जाएंगे.  

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को साइन करने के बाद इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर कहा, 'यह पूरी दुनिया में कहीं भी किसी भी सरकार द्वारा AI पर सुरक्षा के मद्देनजर की गई सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई है'. बाइडेन ने आगे कहा कि आने वाले 10 या 5 साल मे तकनीक में इतने बड़े बदलाव होने जा रहे हैं, जो हमने अभी तक बीते 50 साल में भी नहीं देखे हैं. 

AI के दो पहलू, फायदे के साथ खतरा भी  

जो बाइडेन ने कहा कि यह सच है कि तकनीक हमारे चारों तरफ है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, काफी तेज गति से बदलाव कर रही है. AI हमारी दुनिया में चारों तरफ मौजूद है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि AI ढेरों अवसर प्रदान कर रहा है, लेकिन इसके साथ कुछ खतरे भी आ रहे हैं.

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पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने किया फैसले का स्वागत 

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने X (पूर्व नाम Twitter) पर पोस्ट करके मौजूदा राष्ट्रपति के AI को लेकर किए गए फैसले का स्वागत किया. बराक ओबामा ने पोस्ट में लिखा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस हमारे काम करने के तरीके, सीखने के प्रोसेस और क्रिएट करने के तरीके को बदलने की काबिलियत रखता है. मुझे खुशी है कि जो बाइटनेस ने AI को एग्जीक्यूटिव ऑर्डर लाए. ऐसा करने से कुछ खतरों को नजर अंदाज करते हुए AI का इस्तेमाल इनोवेशन को बढ़ावा देने में किया जा सकेगा. 

 

जो बाइडेन ने कहा, रेगुलेशन बहुत जरूरी 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह तो एकदम साफ है कि AI के खतरे को कम करने के लिए इसे रेगुलाइज करने की जरूरत है. राष्ट्रपति ने कहा, उनका मानना है कि AI को रेगुलाइज करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. इसे रेगुलाइज किया जाना चाहिए. 

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राष्ट्रपति ने किया deepfakes का जिक्र 

अमेरिकी राष्ट्रपति भी AI की वजह से आने वाले खतरों को लेकर सतर्क हैं. उन्होंने deepfakes को भी मेंशन किया. deepfakes एक फेक वीडियो जेनरेटर प्लेटफॉर्म है, जो किसी भी व्यक्ति का डुप्कीकेट तैयार कर सकता है. यह किसी भी व्यक्ति के चेहरे, हाव-भाव और आवाज को कॉपी कर सकता है. ऐसे में यह दूसरे के सामने वो कह सकता है, जो आपने कभी कहा ही नहीं. राष्ट्रपति ने कहा कि मैंने खुद को वीडियो में देखा है. वीडियो में मैंने ऐसा कहा, जो मैंने कभी कहा नहीं था. इसके बाद वह हंसने लगे.  

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क्या है एग्जीक्यूटिव ऑर्डर?

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ट अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO) के पास 'कानून की ताकत है' और वे कार्यकारी शक्तियों का काफी हद तक उपयोग करेंगे. इसके बावजूद राष्ट्रपति फिर भी कांग्रेस के साथ  कानून को आगे बढ़ाएंगे और इसे दोनों सदनों के बीच रखा जाएगा.  बताते चलें कि अमेरिका में, कार्यकारी आदेश राष्ट्रपति का एक निर्देश होता है. ये आदेश संघीय सरकार के संचालन का प्रबंधन करता हैं. कार्यकारी आदेशों के लिए कई कानूनी या संवैधानिक आधार होते हैं.

ऑर्डर के बाद क्या होगा?

  • अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा साइन किए गए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (EO) के बाद AI सिस्टम के डेवलपर्स को सेफ्टी टेस्ट रिजल्ट फेडरल गवर्मेंट के साथ शेयर करने होंगे.  व्हाइट हाउस का कहना है कि यह डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट की तरह है. कंपनियां ऐसा मॉडल तैयार कर रही हैं, जो नेशनल सिक्योरिटी, नेशनल पब्लिक हेल्थ और नेशनल ईकॉनमी को नुकसान पहुंचा सकती है. 
  • अमेरिका प्रशासन बायोलॉजिकल सिंथेसिस स्क्रीनिंग के लिए स्टैंडर्ड तैयार करेगी. इसका मकसद AI को खतरनाक बायोलॉजिकल मैटेरियल तैयार करने से रोकने का है. 
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी की तरफ से कुछ स्टैंडर्ड सेट किए जाएंगे, जो पब्लिक रिलीज से फॉलो करने होंगे. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) क्रिटिल इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और AI सेफ्टी एंड सिक्योरिटी बोर्ड स्थापित करने में मदद करेगा. 
     
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