दिग्गज टेक कंपनी Apple कई बार अपनी पॉलिसी को लेकर फंस चुकी है. कई मामलों में कंपनी पर फाइन भी लगा है. इसमें iOS अपडेट वाला मामला काफी चर्चा में रहा था. अपडेट के जरिए पुराने iPhone को स्लो करने की वजह से कंपनी पर फाइन लगा था. ऐसे ही एक मामले में Apple के सेटलमेंट को कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.
अब ऐपल अपने कर्मचारियों को 3.05 करोड़ डॉलर (लगभग 242.03 करोड़ रुपये) का भुगतान करेगा. ये राशि ऐपल कर्मचारियों को मुआवजे के रूप में देगा. दरअसल, ऐपल रिटेल वर्कर्स को हर दिन बैग और इक्विपमेंट चेक कराना पड़ता है.
ये कंपनी का जरूरी नियम है और इसमें कर्मचारियों का काफी वक्त जाता है. क्योंकि यह जांच शिफ्ट के बाद होती थी, इसलिए कर्मचारियों के इसमें लगने वाले टाइम की कोई पेमेंट नहीं मिलती थी. ऐपल के सेटलमेंट को कैलिफोर्निया फेडरल कोर्ट ने मंजूरी दी है.
साल 2013 में कंपनी के दो पूर्व रिटेल कर्मचारियों ने ऐपल के खिलाफ केस फाइल किया था. कर्मचारियों ने कहा था कि चूंकि ऐपल की बैग चेक पॉलिसी अनिवार्य है, इसलिए उन्हें यह करना पड़ता है.
इसकी वजह से उन्हें हर रोज शिफ्ट के बाद 30 मिनट तक लाइन में खड़ा होना पड़ता है. कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि बैग चेक पॉलिसी में हर साल जो वक्त लगता है उसका वेज 1500 डॉलर है और कंपनी इसके लिए उन्हें भुगतान नहीं करती है.
इस मामले की सुनवाई में ऐपल ने कहा था कि यह सर्च प्रक्रिया (बैग चेक पॉलिसी) जरूरी है. क्योंकि उन्हें चेक करना होता है कि कोई कर्मचारी प्रोडक्ट चोरी तो नहीं कर रहा है. साल 2020 में कैलिफोर्निया सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था.
कोर्ट ने कहा था कि ऐपल को अपने रिटेल कर्मचारियों को उनके खर्च हुए वक्त से लिए हर्जाना देना होगा. अदालत के फैसले के बाद ऐपल सेटलमेंट के लिए तैयार हो गया था, जिसे कोर्ट ने अब मंजूरी दे दी है.
इस सेटलमेंट का असर जुलाई 2009 से दिसंबर 2015 तक कैलिफोर्निया के ऐपल रिटेल स्टोर में काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ेगा. इसका फायदा 12 हजार मौजूदा और पूर्व ऐपल रिटेल कर्मचारियों को मिलेगा.
रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी की इस पॉलिसी की जानकारी Tim Cook को नहीं थी. जब दो कर्मचारियों ने उनसे शिकायत की तो उन्होंने इस संबंध में HR एक्सजीक्यूटिव को मेल भी किया था और उससे पूछा था कि क्या यह सच है?