
Apple के जिस प्राइवेसी फीचर को लेकर पिछले कुछ समय से फेसबुक नाराज है, अब वो फीचर भारत में भी दिया जाने लगा है. दरअसल ऐपल का ये प्राइवेसी प्रॉम्पट फीचर iOS 14.3 का हिस्सा है जिसका अपडेट कुछ समय पहले ही जारी किया गया है.
हालांकि पहले बताया जा रहा था कि ये प्राइवेसी प्रॉम्पट का ये फीचर iOS 14.4 के साथ दिया जाएगा, लेकिन कुछ यूजर्स को अभी ये फीचर देखने को मिला है. ये फीचर सिर्फ कुछ ऐप्स के साथ ही काम कर रहा है.
हालांकि ये अभी भी सभी ऐप्स के साथ नहीं है, बल्कि कुछ ऐप्स ओपन करने पर ही प्राइवेसी का ये फीचर दिख रहा है. उदाहरण के तौर पर अगर आप अपने iPhone में AJIO ऐप ओपन करेंगे तो आपतो प्राइवेसी प्रॉम्प्ट दिखेगा.
इस ऐप को ओपन करते ही एक पॉप अप मिलेगा जिसमें दो ऑप्शन होंगे. पहला ऑप्शन Ask App not to Trak यानी ऐप से कहें कि आपको ट्रैक न करे, और दूसरा Allow - यानी खुद को ट्रैक होने दें.
अब यहां ट्रैक का मतलब कई चीज है. ऐप्स यूजर्स को टार्गेटेड ऐड देने के लिए ट्रैक करते हैं. इनमें यूजर्स का बिहेवियर से लेकर पर्सनल डीटेल्स तक शामिल होती हैं जिनका ऐक्सेस ऐप्स को देना होता है.
यही वो फीचर है जिससे फेसबुक नाराज है और फुल पेज ऐड दे कर ऐपल को टार्गेट कर रहा है. फेसबुक ने बड़े चतुराई के साथ ये एजेंडा सेट करने की कोशिश की है कि इस फीचर से छोटे बिजनेस का नुकसान होगा और फेसबुक छोटे बिजनेस का हित देख रही है.
लेकिन सच्चाई तो ये भी है कि अगर लोग फेसबुक द्वारा ट्रैक किए गए यूजर डेटा और बिहेवियर को लेकर अवेयर हो गए और ऐपल के इस फीचर का यूज करके फेसबुक को ट्रैक करने से रोकने लगे तो कंपनी की कमाई पर भी असर पड़ेगा. क्योंकि फेसबुक की ज्यादतर कमाई ऐड से होता है और ये टार्गेटेड ऐड के लिए फेसबुक यूजर डेटा कलेक्ट करता है.
आपको बता दें कि ऐपल के सीईओ टिम कुक ने फेसबुक के इस फुल पेज ऐ़ड के बाद कहा है कि फेसबुक यूजर्स का डेटा ट्रैक करना जारी रख सकता है, ये फीचर सिर्फ परमिशन लेने के लिए है. यानी इस फीचर से फेसबुक पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कम से कम अब यूजर्स को ऐप ओपन करने पर ये ऑप्शन मिलेगा कि वो फेसबुक को मना कर सकें कि वो उन्हें ट्रैक न करे.
इस मामले में प्राइवेसी फोकस्ड संस्था इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन यानी EFF का भी स्टेटमेंट आ गया है. इनका कहना है कि फेसबुक लोगों को iOS 14 में किए जा रहे बदलावों को लेकर पूरी स्टोरी नहीं बता रहा है. फेसबुक का ये कहना हास्यास्पद है कि ऐपल का ये प्राइवेसी फोकस्ड फीचर यूजर्स के लिए बुरा है.