Apple और iPhone को लोग उनकी क्वालिटी और सर्विस के लिए यूज करते हैं, लेकिन कई मौकों पर यूजर्स को झटका लगता है. खासकर उस वक्त जब कई सारे कस्टमर्स के साथ किसी कंपनी ने धोखा किया हो. ऐसा ही एक मामला ऐपल से भी जुड़ा है, जिसमें कंपनी ने जानबूझकर लोगों के iPhone की स्पीड स्लो कर दी थी.
ये कहानी कुछ साल पहले शुरू हुई थी, जब ऐपल ने iPhone 6, iPhone 7 और iPhone SE यूजर्स के फोन्स को जानबूझकर स्लो कर दिया था. हालांकि, कंपनी को जल्द ही अपनी गलती का एहसास हुआ. उन्होंने माना कि इन फोन्स को उन्होंने स्लो किया है, लेकिन इसके पीछे कोई बुरा इरादा नहीं था.
इस पूरे मामले में ऐपल ने साल 2020 में समझौते का रास्ता अपनाया. कंपनी ने फैसला किया कि वो इस पूरे मामले के निबटारे के लिए 50 करोड़ डॉलर देगी. रिपोर्ट्स की मानें तो जल्द ही ऐपल के नाखुश यूजर्स को ये पैसे मिल सकते हैं.
इन आईफोन यूजर्स के लिए लिगल कैंपेन शुरू करने वाले Tyson Redenbarger का मानना है कि प्रत्येक यूजर्स को 65 डॉलर मिल सकते हैं. भारतीय रुपये में इसकी वैल्यू 5000 रुपये के आसपास होती है.
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SiliconValley.com की मानें तो जल्द ही ये मामला खत्म हो सकता है. दरअसल, साल 2016 में Apple ने माना था कि उन्होंने जानबूझकर iPhone के पुराने मॉडल्स को स्लो किया था. कंपनी का कहना था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया था, ताकि फोन्स अचानक से ऑफ ना हो जाएं.
हालांकि, लोगों को ऐपल का ये कदम पसंद नहीं आया था. कई iPhone यूजर्स को इससे शिकायत थी और उन्होंने एक साथ आकर साल 2018 में एक क्लास एक्शन लॉ सूट फाइल किया था. इस रोलआउट का असर, iPhone 6, iPhone 6 Plus, iPhone 6s, iPhone 6s Plus, iPhone SE, iPhone 7 और iPhone 7 Plus के यूजर्स पर पड़ा था.
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अगर आपके पास इनमें से कोई मॉडल है, तो क्या आपको ये पैसे मिलेंगे? अगर आपने 6 अक्टूबर 2020 से पहले इस बारे में पता नहीं किया है, तो अब आपको पैसे नहीं मिलेंगे. दरअसल, 6 अक्टूबर 2020 से पहले यूजर्स को अपने सीरियल नंबर के साथ एक वेबसाइट पर रजिस्टर करना था. जिन लोगों ने रजिस्टर किया है उन्हें ये पैसे मिलेंगे.
ऐसे लोग जो ऐपल से पैसे चाहते थे, उनके लिए तीन साल पहले एक स्पेशल वेबसाइट क्रिएट की गई थी. कंज्यूमर्स को उस वेबसाइट पर जाकर अपने iPhone का सीरियल नंबर एंटर करना था. यूजर्स को पैसे पाने के लिए दो ऑप्शन- या तो सीधे बैंक अकाउंट में या फिर मेल पर उसका चेक, मिल रहे थे. यूजर्स अपनी मर्जी से किसी एक ऑप्शन को चुन सकते थे.