1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. इस बजट से सभी सेक्टर्स को कुछ ना कुछ उम्मीदें हैं. जहां आम आदमी टैक्स स्लैब में बदलाव और इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहा है. वहीं टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस को नए ऐलानों की उम्मीद है.
दुनिया भर में AI की रेस चल रही है. ऐसे में सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस करने के लिए बजट में अलग से ऐलान कर सकती है. इसके अलावा टेक्नोलॉजी से जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए बजट 2025 में कुछ राहतों का ऐलान हो सकता है. तमाम कंपनियों को बजट से काफी उम्मीद हैं.
बजट 2025 से टीवी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें है. JVC TV इंडिया की प्रमुख पल्लवी सिंह ने टीवी पर लगने वाली GST दर को कम करने की मांग की है. फिलहाल टीवी पर 28 फीसदी GST लगता है, जिसे घटाने की मांग हो रही है. रॉ मैटेरियल पर 18 फीसदी GST है, जबकि फाइनल प्रोडक्ट पर 28 फीसदी (40-inch और ऊपर के टीवी पर).
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Videotex के डायरेक्टर अर्जुन बजाज ने बताया कि टेलीविजन मैन्युफैक्चर्र्स लंबे समय मांग कर रहे है कि उनको PLI योजना का लाभ मिले. डिस्प्ले और सेमीकंडक्टर्स जैसे महत्वपूर्ण रॉ मैटेलियल के लिए लोकल इकोसिस्टम हो, जिससे लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले. इसके आलावा 40-inch और उससे बड़े स्क्रीन साइज के टीवी पर GST 28 फीसदी लगता है. इस टैक्स को कम किया जाए, तो इंडस्ट्री को काफी बढ़ावा मिलेगा.
वहीं Ambrane India के मैनेजिंग डायरेक्टर, अशोक राजपाल ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सरकार बजट 2025 में भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर पर फोकस रखेगी. हमारा मानना है कि सरकार PLI स्कीम जैसी कदमों को और मौजूत करेगी. इससे देश के टेक्नोलॉजी इवोल्यूशन में तेजी आएगी.'
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Unix India के को-फाउंडर, इमरान कागलवाला का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की लोकल MSME के लिए सरकार को ऐसी पॉलिसीज का ऐलान करना चाहिए, जिससे लोकल प्लेयर्स विदेशी ब्रांड्स से मुकाबला कर पाएं. बजट में लेबर स्किलिंग इंसेंटिव पर फोकस होना चाहिए, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में मौजूद गैप को भरा जा सके.
मोबाइल सेक्टर की बात करें, तो HMD India के CEO और वायस प्रेसिडेंट रवि कुमार ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग क्षमाताओं को बढ़ाने के लिए पॉलिसी की मांग की है. उन्होंने PLI स्कीम की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को क्रिटिकल कंपोनेंट्स की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाना चाहिए.
बता दें कि भारत में बड़ी संख्या में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग होती है, लेकिन कई पार्ट्स को अभी भी चीन से इंपोर्ट करना होता है. सरकार इन पार्ट्स पर इनपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर और PLI स्कीम के जरिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दे सकती है. मौजूदा वक्त में ज्यादातर स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग ब्रांड्स भारत में पार्ट्स को असेंबल करते हैं.