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Budget 2025: क्या होता है Deep Tech, जिसके लिए वित्त मंत्री ने किया फंड ऑफ फंड्स का ऐलान

Budget 2025: वित्त मंत्री ने बजट भाषण में डीप टेक को लेकर बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान में वित्त मंत्री ने फंड ऑफ फंड्स सेटअप करने के लिए कहा है. इसकी मदद से डीप टेक सेक्टर में ज्यादा निवेश होने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार ने AI में शिक्षा को लेकर भी 500 करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया है. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने डीप टेक (Deep Tech) के लिए फंड ऑफ फंड्स का ऐलान किया है. Deep Tech में कई चीजें आती हैं. आइए जानते हैं इस बजट में टेक और इनोवेशन्स सेक्टर में क्या-क्या ऐलान किए गए हैं. 

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निर्मला सीतारमण बताया कि सरकार डीप टेक को बढ़ावा देने के लिए फंड ऑफ फंड्स सेटअप करेगी. केंद्र सरकार अगले 5 साल में IIT और IISc में टेक्नोलॉजी पर रिसर्च के लिए 10 हजार फेलोशिप प्रदान करेगी. निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा है कि सरकार 20 हजार करोड़ रुपये प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इनोवेशन के लिए देगी.

इसके साथ ही उन्होंने डीप टेक के लिए फंड ऑफ फंड्स का भी ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने ये ऐलान ऐसे वक्त पर किया है, जब डीप टेक सेक्टर में काफी कम निवेश हो रहा है. कम निवेश का एक बड़ा कारण डीप टेक स्टार्ट-अप को स्थापित होने में लगने वाला समय है. 

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क्या होता है Deep Tech? 

डीप टेक (डीप टेक्नोलॉजी) टर्म का इस्तेमाल कटिंग-एज साइंटिफिक और इंजीनियरिंग एडवांसमेंट पर बेस्ड इनोवेशन के लिए किया जाता है. डीप टेक में सिर्फ सॉफ्टवेयर आधारित या कंज्यूमर फोकस्ड टेक्नोलॉजी की बात नहीं होती है. इन टेक्नोलॉजी को तैयार होने में सालों का वक्त लगता है. इसमें कई साल तक रिसर्च और डेवलमेंट करना होता है. 

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सरकार ने डीप टेक और टेक्नोलॉजी सेक्टर को बूस्ट करने के लिए ये ऐलान किए हैं. डीप डेट में AI, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और तमाम दूसरे टॉपिक आते हैं. इन सभी विषयों पर काम करने के लिए सालों तक रिसर्च करनी होती है, जिसमें काफी ज्यादा पैसे लगते हैं. यहीं वजह है कि इस सेक्टर में बहुत कम प्राइवेट निवेश देखने को मिलता है.

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पीएम रिसर्च फेलोशिप - इसके तहत 5 साल में 10 हजार फेलोशिप्स दिए जाएंगे. ये बेसिकली IIT और IISc के लिए होंगे. इसके अलावा फंडामेंटल जियोस्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा डेवेलपमेंट के लिए नैशनल जियोस्पेशल मिशन की शुरुआत की गई है. इसके तहत लैंड रिकॉर्ड्स, अर्बन प्लानिंग और इंंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन पर काम किया जाएगा. 

सेंटर ऑफ एक्सेलेंस इन AI फॉर एजुकेशन: इस स्कीम के तहत 500 करोड़ रुपये का अलोकेशन हुआ है. दरअसल इस स्कीम में AI को एजुकेशन में इंटीग्रेट करना शामिल है.

मौजूदा AI सेंटर्स को एक्सपैंड किया जाएगा. AI को एग्रिकल्चर, हेल्थ और सस्टेनेबल सिटीज के लिए यूज किया जाएगा. इसका ऐलान 2023 में ही हुआ था, लेकिन अब इसे एक्सपैंड करने की बात Budget 2025 में कही गई है.

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