ChatGPT के बारे में हम आपको पिछले कुछ महीनों से लगातार बता रहे हैं. ये क्या है, कैसे काम करता है और इसके यूज क्या हैं. लेकिन अब बात सिर्फ़ ChatGPT तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि इंटरनेट स्पेस में अब ChatGPT की तरह और भी चैटबॉट्स तैयार हैं और जल्द आपको दिखेंगे. उदाहरण के तौर पर Google ने ChatGPT जैसा ही BARD लॉन्च किया है. Ali Baba भी ChatGPT के राइवल पर काम कर रही है और Meta की तरफ से भी ChatBot पर बड़ा ऐलान किया जा सकता है.
आज इस सीरीज़ में हम Chatbot के बारे में बेसिक्स समझेंगे. सबसे पहले जानेंगे की चैटबॉट्स आख़िर होते क्या हैं और ये काम कैसे करते हैं. क्यों ऐसा कहा जा रहा है कि ये फ्यूचर में लोगों की जॉब्स खा जाएँगे और यहाँ तक कहा जा रहा है कि इंसानों को चैटबॉट्स से बड़ा ख़तरा भी है…
एक बड़ा सवाल आपके मन में भी आया होगा. वो ये है कि ये ChatGPT यूजर्स के सवाल का जवाब बिल्कुल इंसानों की तरह ही कैसे दे रहा है? इस आर्टिकल में हम ये भी समझाने की कोशिश करेंगे.
ChatBots क्या होते हैं?
Chat का मतलब तो आप जानते ही हैं — बातचीत करने को चैटिंग भी कहते हैं. Bot का मतलब ये है कि इंटरनेट बेस्ड ऐसा प्रोग्राम जो यूजर्स के साथ इंट्रैक्ट करता है. तो ये सिंपल है कि चैटबॉट आपसे बात करते हैं और आप इनसे सवाल कर सकते हैं. हालांकि चैटबॉट बनाने का मकसद सिर्फ बातचीत करना नहीं है, बल्कि चैटबॉट्स का इस्तेमाल मौजूदा समय में लगभग हर सेक्टर में किया जा सकता है. इसके बारे में हम आगे बताएंगे.
Chatbot या ChatGPT काम कैसे करता है?
ChatGPT भी एक Chatbot है मौजूदा समय में आप इसे दुनिया का सबसे एडवांस्ड चैटबॉट कह सकते हैं. अब ये जानते हैं कि ये ChatGPT काम कैसे करता है.
ChatGPT के काम करने का तरीक़ा आसान शब्दों में बताते हैं. आप इसे टूल की तरह समझिए जहां इसके क्रिएटर्स ने इसमें एक बड़ा डेटा सेट्स स्टोर किया है. इनमे अरबों टेक्स्ट, कॉन्वर्सेशन और आर्टिकल्स शामिल हैं. इस डेटा के साथ इस चैटबॉट को ट्रेन कराया गया है और इसी आधार पर यूज़र के सवालों का जवाब देता है.
चूँकि इसमें अरबों टेक्स्ट फ़ीड किए गए हैं, इसलिए किसी रेस्पॉन्स को तैयार करने में चैटबॉट को ज़्यादा वक़्त भी नहीं लगता है.
ChatGPT में कौन से एल्गोरिद्म का यूज किया गया है?
इस चैटबॉट के लिए ट्रांसफ़ॉर्मर एल्गोरिद्म का यूज किया जाता है जो न्यूरल नेटवर्क पर आधारित है. न्यूरल नेटवर्क को आसान शब्दों में समझें तो ये एक तरह का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जिसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वो इंसानों के दिमाग़ के काम करने के तरीक़े को कॉपी करता है.
ये भी पढ़ें: ChatGPT: नए जमाने का Google सर्च, काबिलियत में गूगल सर्च से काफी आगे, यही है फ्यूचर
जैसे ह्यूमन ब्रेन काम करता है उसी तरह से ये भी काम करने की कोशिश करता है या यूँ कहें कि इसे ऐसे ट्रेन किया जाता है. ट्रांसफ़ॉर्मर एल्गोरिद्म दरअसल ChatGPT में फ़ीड किए गए डेटा या टेक्स्ट को एनालाइज करके ये ह्यूमन कॉन्वर्सेशन तैयार करता है.
ये ChatGPT में ऐसा क्या है जो ये इंसानों की तरह बातचीत कर रहा है?
दरअसल ChatGPT या इस तरह के दूसरे चैटबॉट्स को ह्यूमन कॉन्वर्सेशन की तरह ही ट्रेन किया जाता है. जैसे दो लोग आपस में बातचीत कर रहे हैं ठीक उसी तरह यहाँ भी होता है.
ChatGPT दूसरे चैटबॉट से अलग और बेहतर इसलिए भी है, क्योंकि इसमें RLHF तकनीक यानी रीइनफोर्समेंट लर्निंग फ़्रॉम ह्यूमन फ़ीडबैक का इस्तेमाल किया गया है.
OpenAI ने बनाया है ChatGPT
ChatGPT एक टूल है और इसे OpenAI नाम की एक कंपनी ने तैयार किया है. अब ChatGPT में माइक्रोसॉफ़्ट काफ़ी पैसे निवेश कर चुका है और माइक्रोसॉफ़्ट अपने प्रोडक्ट्स में ChatGPT देना शुरू कर रहा है. आगे हम ये बताएंगे कि किसी प्रोडक्ट के सात Chatbot या ChatGPT कैसे काम करता है.
भले ही ChatGPT कुछ समय से पॉपुलर हो रहा है, लेकिन इसे बनाने वाली कंपनी 2015 में ही शुरू हो गई थी. दिलचस्प ये है कि इस कंपनी के फाउंडर्स में से एक Elon Musk भी हैं. हालाँकि बाद में उन्होंने एग्जिट ले लिया. हालाँकि ChatGPT के लिए बड़ा क्रेडिट कंपनी के मौजूदा हेड सैम ऑल्टमैन को जाता है.
ChatGPT को OpenAI ने 2018 में शुरू किया था, लेकिन तब ये काफ़ी अलग था. क्योंकि OpenAI लगातार नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी और ChatGPT कंपनी के तीसरे नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट यानी GPT 3 पर बेस्ड है.
अगली कड़ी में हम ChatGPT और दूसरे चैटबॉट के बारे में कुछ और जरूरी और दिलचस्प जानकारी ले कर आएंगे. कॉमेन्ट में हमें ये जरूर बताएं कि आपको ChatGPT के बारे में और क्या जानना है.