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साइबर क्रिमिनल्स इस तरह से कर रहे हैं Instagram यूजर्स के साथ ठगी

फोटो शेयरिंग ऐप Instagram पर इंफ्लुएंसर को टारगेट किया जा रहा है. साइबर क्रमिनिल्स अपने आप को ब्रांड मैनेजर बता कर इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर को मैसेज करते है. वो इंफ्लुएंसर को अपने ब्रांड के प्रोमोशन के लिए कहते है. अगर वो तैयार हो जाता है तो वो गैर-कानूनी तरीके से उनके सभी डिटेल्स को ले लेते हैं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • Instagram पर लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाया जा रहा है
  • Instagram पर इंफ्लुएंसर को टारगेट किया जा रहा है
  • स्कैमर इंफ्लुएंसर के पॉपुलैरिटी का गलत फायदा उठाते है

इंटरनेट का जाल जैसे-जैसे फैल रहा है वैसे ही साइबर क्राइम की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. कई लोग साइबर क्राइम के शिकार हो जाते है. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता हैं.

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अब Instagram पर लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाया जा रहा है. इसमें आम यूजर से लेकर इंफ्लुएंसर तक इनका शिकार हो जाते हैं. 


फोटो शेयरिंग ऐप Instagram पर इंफ्लुएंसर को टारगेट किया जा रहा है. साइबर क्रिमिनल्स अपने आप को ब्रांड मैनेजर बता कर इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर को मैसेज करते है. वो इंफ्लुएंसर को अपने ब्रांड के प्रोमोशन के लिए कहते है.

अगर वो तैयार हो जाता है तो वो गैर-कानूनी तरीके से उनके सभी डिटेल्स को ले लेते हैं. इसमें उनका पर्सनल डिटेल्स, बैंकिग डिटेल्स, एड्रेस, फोन नंबर वैगरह शामिल होता है. 


Sophos Naked Security की एक रिपोर्ट के अनुसार स्कैमस्टर्स इंफ्लुएंसर के पॉपुलैरिटी का गलत फायदा उठाते है. रिपोर्ट के अनुसार स्कैमर अपने आप किसी बड़े ब्रांड का मैनेजर बताते है. वो इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर को उनके प्रोडक्ट के एड डील के लिए कहते है.

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अगर इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर इस डील को सच मानकर तैयार हो जाता है तो उसे अपने पर्सनल बैकिंग डिटेल्स भेजने होते है ताकि एड डील के पैसे उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकें. इस तरह वो अपनी सारी डिटेल्स स्कैमर को दे देते है.  


इसके अलावा आम यूजर्स के साथ फिशिंग स्कैम भी किया जाता है. इस स्कैम में साइबर क्रिमिनल यूजर को एक संदिग्ध या संदेहजनक लिंक सेंड करते है. ये लिंक ईमेल या सीधे इंस्टाग्राम पर मैसेज के जरिए सेंड करते है. इसमें Instagram के तरह ही फेक होम पेज बना होता है.

यूजर को इसमें अपनी इंस्टाग्राम की आईडी और पासवर्ड डालनी होती है. इससे यूजर के लॉगिन की सारी डिटेल्स स्कैमर तक पहुंच जाती है. बाद में स्कैमर इस आईडी के पासवर्ड को बदल कर फॉलोवर्स से पैसे की जरूरत बता कर पैसे की मांग करता है.  


साइबर क्राइम से बचने के लिए कभी भी इस तरह के  लिंक पर अपने आईडी और पासवर्ड को दर्ज ना करें. कोई आपका दोस्त आपसे पैसे की डिमांड करता है तो उसे कॉल करके एकबार कन्फर्म कर लें. कन्फर्म हो जाने के बाद ही उसे पैसे भेजें. साइबर क्राइम से बचने के लिए यूजर की सतर्कता बहुत जरूरी है. 

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