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हर दिन 6 करोड़ रुपये की ठगी, Digital Arrest Scam में फंसकर लोग गंवा रहे जमा-पूंजी

Digital Arrest Scam: हर दिन औसतन 6 करोड़ रुपये की ठगी... साइबर क्रिमिनल्स लोगों को फंसाकर इतनी बड़ी रकम रोजाना लूट रहे हैं. इसके लिए स्कैमर्स Digital Arrest का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस तरह के स्कैम में फंसकर ना जाने कितने ही लोगों ने अपनी जमा-पूंजी गंवा दी है. इस साल अब तक MHA साइबर विंग को डिजिटल अरेस्ट के 92,334 मामलों की जानकारी मिली है.

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डिजिटल अरेस्ट की AI जनरेटेड फोटो
डिजिटल अरेस्ट की AI जनरेटेड फोटो

साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें से एक तरीका जो इन दिनों काफी चर्चा में है, वो है डिजिटल अरेस्ट. MHA साइबर विंग (i4C) के सूत्रों के मुताबिक इस तरीके का इस्तेमाल करके स्कैमर्स हर दिन 6 करोड़ रुपये की ठगी कर रहे हैं. 

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स्कैम के इस तरीके के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो चौंकाने वाले हैं. स्कैमर्स ने इस साल मात्र 10 महीनों में 2140 करोड़ रुपये की ठगी डिजिटल अरेस्ट के तरीके का इस्तेमाल करके की है. हर महीने साइबर अपराधी इस तरीके का इस्तेमाल करके लोगों से औसतन 214 करोड़ रुपये का फ्रॉड कर रहे हैं. 

विदेश से चल रहा नेटवर्क

इस तरह की ठगी में स्कैमर्स खुद को ED, CBI, पुलिस या RBI का अधिकारी बताते हैं. फिर आम लोगों को किसी फर्जी केस में फंसाकर उन पर कार्रवाई की जाती है. ठगी के इस तरीके का हर दिन कितने ही लोग शिकार बनते हैं. ये फ्रॉड कंबोडिया, म्यामांर, वियतनाम, लाओस और थाईलैंड जैसे देशों से हो रहा है. 

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कंबोडिया में मौजूद चीनी कसीनो में बने कॉल सेंटर में धड़ल्ले से डिजिटल अरेस्ट के फ्रॉड सेंटर चल रहे हैं. MHA साइबर विंग को इस साल अक्टूबर तक डिजिटल अरेस्ट के कुल 92,334 केस की जानकारी मिली है. अगर आप इस तरह के स्कैम का शिकार होते हैं, तो 1930 पर तुरंत इसकी जानकारी दें. 

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट? 

इस तरह के फ्रॉड में साइबर अपराधी आपको TRAI, RBI या फिर किसी कोरियर कंपनी ने काम पर कॉल करते हैं. ये IVR कॉल होती हैं, जिसमें बताया जाता है कि आपका नंबर या बैंक अकाउंट ब्लॉक हो गया है. या फिर आपका कोरियर सही ऐड्रेस ना मिलने की वजह से डिलीवर नहीं हो पा रहा है. 

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इस कॉल में बताया जाता है कि कस्टमर सपोर्ट अधिकारी से बात करने के लिए 9 दबाएं (ये नंबर दूसरा भी हो सकता है). जैसे ही कोई शख्स कस्टमर सपोर्ट अधिकारी से बात करता है, वे अपना स्कैम शुरू कर देते हैं. सबसे पहले वो आपको बताएंगे कि आपके नाम पर लोन है या फिर फर्जी SIM चल रही है या आपका आधार कार्ड ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है. 

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इसके बाद वे एक फर्जी पुलिस अधिकारी के नाम से आपको डराने की कोशिश करते हैं. पूरे मामले में ये स्कैमर्स आपको सुप्रीम कोर्ट, पुलिस, CBI जैसी संस्थाओं के नाम पर डराते हैं. फर्जी केस बनाकर 'डिजिटल अदालत' में सुनवाई तक शुरू कर दी जाती है. इन सब के लिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. 

डिजिटल अरेस्ट में स्कैमर्स आपको किसी के बात करने, किससे से मिलने, घर से बाहर तक नहीं निकलने देते हैं. कुछ मामलों में पूरे परिवार को इसका शिकार बनाया गया है. इसमें Skype Call या फिर WhatsApp Video Call पर ही सारी फर्जी कार्रवाई की जाती है. आखिर में स्कैमर्स मामले को रफा-दफा करने के लिए आपसे पैसों की डिमांड करेंगे. इस तरह के फ्रॉड में हर दिन कोई-ना-कोई फंसता है और अपनी जमा-पूंजी गंवा देता है.

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