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आप सोचेंगे और चलने लगेगा कीबोर्ड और कर्सर, इंसानी दिमाग में चिप लगाने की Elon Musk को मिली मंजूरी

इस स्टडी में एक रोबोट सर्जरी करके इंसानी दिमाग पर एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) को इंप्लांट करेगा. इसकी मदद से वह चिप मूव और इंटेंशन को रिसीव करेगा, उसके बाद आगे कमांड देगा. उदाहरण के तौर पर समझें तो पैरालिसिस पीड़ित ब्रेन में लगी चिप के बाद वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर को चला सकेंगे. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.

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Elon Musk की कंपनी लगाएगी इंसानी दिमाग में चिप. (File photo)
Elon Musk की कंपनी लगाएगी इंसानी दिमाग में चिप. (File photo)

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक Elon Musk को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. इलोन मस्क के ब्रेन चिप स्टार्टअप  Neuralink ने मंगलवार को बताया कि उसे इंसानी दिमाग में चिप लगाने को लेकर पहला अप्रूवल मिल गया. यह जानकारी न्यूज एजेंसी Reuters द्वारा शेयर की है. 

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इसके लिए मस्क की कंपनी ने पहले व्यक्ति कि खोज शुरू कर दी है, जिसे एक रिक्रूटमेंट प्रोसेस के माध्यम से भर्ती किया जाएगा. इस ट्रायल के दौरान पैरालिसिस पेशेंट पर चिपसेट का ट्रायल शुरू किया जाएगा.

ऐसे लोगों पर ट्रायल 

इसके लिए ऐसे व्यक्ति कि खोज की जा रही है, जो 'सर्वाइकल स्पाइनल कोर्ड' की वजह से पैरालिसिस हो चुके हैं या फिर 'एमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS)' जैसी बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि अभी इसकी कोई जानकारी नहीं मिली है कि इस स्टडी में कुल कितने पेशेंट पर ट्रायल शुरू किया जाएगा. इस स्टडी को कंप्लीट करने में करीब 6 साल का समय लगेगा. 

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कैसे होगी रिसर्च 

इस स्टडी में एक रोबोट सर्जरी करके इंसानी दिमाग पर एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) को इंप्लांट करेगा. इसकी मदद से वह चिप मूव और इंटेंशन को रिसीव करेगा, उसके बाद आगे कमांड देगा. इसके बाद उस चिपसेट के साथ कंपेटेबल डिवाइस उन कमांड को रिसीव करेंगे और आगे काम करेंगे.

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बिना छुए काम करेगा माउस कर्सर और कीबोर्ड 

Neuralink ने बताया कि शुरुआती स्टेज में उनका गोल कंप्यूटर कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करना है. यह कंट्रोल कमांड सीधे दिमाग में फिट की गई चिपेसट से मिलेगी. इसके बाद कर्सर मूव करना शुरू करेगा और कीबोर्ड से टाइपिंग होगी. उदाहरण के तौर पर समझें तो पैरालिसिस पीड़ित ब्रेन में लगी चिप के बाद वह सिर्फ सोचकर माउस का कर्सर को चला सकेंगे.  

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सिक्के के आकार का हो सकता है चिप 

न्यूरालिंक ने एक डिवाइस बनाया है, जो एक सिक्के के आकार का हो सकता है. इस चिप को लिंक के नाम से जाना जा सकता है. ये डिवाइस कंप्यूटर, मोबाइल फोन या किसी अन्य उपकरण को ब्रेन एक्टिविटी (न्यूरल इम्पल्स) से सीधे कंट्रोल करने की काबिलियत देगा. 

10 लोगों के अप्रूवल की मांग 

Neuralink को शुरुआत में उम्मीद थी कि उसे करीब 10 लोगों पर ट्रायल की परमिशन मिल सकती है. हालांकि बाद में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए. हालांकि अभी इसकी जानकारी नहीं है कि Neuralink को कितने लोगों पर ट्रायल की परमिशन मिली है. 

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​​सर्वाइकल स्पाइन कोर्ड क्या है? 

सर्वाइकल स्पाइन (Cervical Spine) रीढ़ की हड्डी का वह एरिया है जो गर्दन के आधार से शुरू होकर, C1 से C7 कशेरुकाओं तक जाता है. रीढ़ की हड्डी नसों का एक ऐसा ग्रुप है, जो मस्तिष्क से शरीर के बाकी हिस्सों तक संदेश या कहें कि कमांड भेजता है.रीढ़ की हड्डी में चोट लगने पर पूरे शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

एमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी क्या है? 

एमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है. यह दिमाग के सेरेब्रल कॉर्टेक्स, रीढ़ की हड्डी और ब्रेनस्टेम की तंत्रिकाओं को प्रभावित करती है. यह बीमारी मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाले मोटर न्यूरॉन्स की प्रगतिशील हानि का कारण बन सकता है. यह एक दुर्लभ बीमारी है. 

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