एलॉन मस्क ने Twitter डील से पीछे हटने का फैसला किया है. यानी 44 अरब में ट्विटर को खरीदने की डील अब टूट गई है. अप्रैल में शुरू हुआ ट्विटर और एलॉन मस्क का 'अफेयर' अब 'ब्रेकअप' तक पहुंच गया है. मस्क और ट्विटर डील की किसी हाईवोल्टेज ड्रामा से कम नहीं रही है.
पिछले तीन महीने से किसी ना किसी वजह से यह डील चर्चा में बनी रही है. पहले अपनी कीमत को लेकर तो फिर CEO से मतभेद और अब तो टूटने पर चर्चा हो रही है.
इस डील के कैंसल होने के बाद एक जंग कोर्ट में भी होगी. क्योंकि डील से पीछे हटने वाली पार्टी को दूसरी पार्टी को एक बिलियन डॉलर का हर्जाना देना है. आइए एक नजर डालते हैं ट्विटर और मस्क के Love, डील और धोखे की पूरी कहानी पर.
अप्रैल की शुरुआत में मस्क ने ट्विटर में 9.2 परसेंट हिस्सेदारी खरीद ली. इस हस्सेदारी को आप दोनों की पहली डेट समझ सकते हैं. 4 अप्रैल को मस्क और ट्विटर के अफेयर का खुलासा रेगुलेटरी की फाइलिंग में हुआ. इसके बाद ट्विटर के शेयर में तेजी आई. लोगों को लगने लगा कि मस्क ट्विटर में एक एक्टिव रोल प्ले करेंगे.
हालांकि, मस्क की प्लानिंग दूर की थी. जब कंपनी ने उन्हें बोर्ड में शामिल होने का ऑफर दिया, तो मस्क ने उसे ठुकरा दिया. Twitter CEO पराग अग्रवाल ने तो मस्क को बोर्ड में शामिल करने का ऐलान भी कर दिया था. मगर 10 अप्रैल को पराग ने बताया कि मस्क ने बोर्ड में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
13 अप्रैल को मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान करके लोगों को चौंका दिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 54.2 डॉलर प्रति शेयर के रेट से 44 अरब डॉलर में खरीदने का ऑफर दिया. 13 अप्रैल की फाइलिंग में यह बात सामने आई.
शुरुआत में Twitter ने 'पॉयजन पिल' स्ट्रैटजी अपनाई, लेकिन बाद में उन्होंने मस्क के 44 अरब डॉलर के ऑफर को एक्सेप्ट कर लिया. 25 अप्रैल को ट्विटर ने मस्क का ऑफर मान लिया था. मगर दोनों के बीच का रोमांस ज्यादा दिनों तक चल नहीं पाया और जल्द ही रिश्तों में दरार आने लगी.
13 मई को एलॉन मस्क ने ट्विटर डील को होल्ड पर डाल दिया. हालांकि उन्होंने डील को टेम्परेरी होल्ड किया था. इसकी वजह स्पैम और फेक अकाउंट्स थे. दरअसल, मई की शुरुआत में SEC फाइलिंग में ट्विटर ने कहा था कि उनके प्लेटफॉर्म पर सिर्फ 5 परसेंट ही स्पैम अकाउंट हैं. इसी बात को लेकर ट्विटर और मस्क के बीच मतभेद शुरू हुआ था.
मई के अंत में दोनों के बीच का झगड़ा ट्विटर पर आ गया. कई मौकों पर मस्क और Twitter CEO पराग अग्रवाल आसमे-सामने आए. खासकर बॉट्स को लेकर दोनों के बीच छिपी तकरार भी देखने को मिली. मस्क लगातार ट्विटर पर स्पैम अकाउंट्स की सही डिटेल्स नहीं देने का आरोप लगाते रहे.
16 जून को मस्क ने ट्विटर स्टाफ से बातचीत की और ऐसा लगा की जल्द ही डील होगी. मस्क ने ट्विटर को एक अरब यूजर्स का प्लेटफॉर्म बनाने का भी विजन भी दिखाया, लेकिन उन्होंने कॉस्ट कटिंग और फ्री स्पीच लिमिट पर भी कई बातें कही.
8 जुलाई... जब मस्क ने इस रिश्ते तो तोड़ने का फैसला किया. उन्होंने ट्विटर पर फेक अकाउंट्स को लेकर 'गलत जानकारी' देने आरोप लगाते हुए डील कैंसल करने का फैसला किया. ट्विटर के चेयरमैन ने डील तोड़ने के वजह से मस्क के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात कही है.