Apple के पूर्व कर्मचारी को कंपनी के साथ 17 मिलियन डॉलर (लगभग 140 करोड़ रुपये) से अधिक के फ्रॉड में दोषी करार दिया गया है. धीरेंद्र प्रसाद Apple में कई दशकों से ग्लोबल सर्विस सप्लाई डिपार्टमेंट में बायर के तौर पर काम कर रहे थे. उन्होंने अपना गुनाह कबूल लिया है.
धीरेंद्र प्रसाद ने माना कि वो किकबैक ले रहे थे. इसके अलावा वो चालान बढ़ाने, Apple को कभी नहीं मिली सर्विस के पैसे लेने जैसे काम करते थे. कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, ये स्कैम उन्होंने साल 2011 में शुरू किया था और साल 2018 तक इसे चला रहे थे.
ऐसे होता था स्कैम
स्कैम में धीरेंद्र प्रसाद Apple की इन्वेंट्री से मदरबोर्ड को CTrends को भेज दिया करते थे. ये कंपनी एक सह-साजिशकर्ता, डॉन एम बेकर चलाते थे. उन्होंने पहले ही धोखाधड़ी योजनाओं में शामिल होने को स्वीकार कर लिया था.
बेकर मदरबोर्ड कंपोनेंट से हार्वेस्ट करते थे. जिसके बाद बेकर इन कंपोनेंट्स को वापस ऐपल को भेज देते थे. CTrends इसके लिए इनवॉइस फाइल करता था और धीरेंद्र प्रसाद इसके पेमेंट का इंतजाम करवा देते थे. आखिरी में Apple को अपने कंपोनेंट्स के लिए पेमेंट करना पड़ता था. स्कैम से होने वाली कमाई को वो बांट लेते थे.
ऐपल को स्कैम करने के अलावा उन्होंने टैक्स धोखाधड़ी में शामिल होने की बात भी कबूल की. वो रॉबर्ट गैरी हैनसेन (एक अन्य सह-साजिशकर्ता जिन्होंने इन योजनाओं में भाग लेने के आरोप को मान लिया) से सीधे अपने लेनदारों को भुगतान करने का निर्देश दिया करते थे.
बेकर के अवैध पेमेंट को कवर करने के लिए उन्होंने CTrends को नकली इनवॉइस भेजने के लिए एक नकली कंपनी की व्यवस्था भी की थी. अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने बताया कि इससे बेकर "अनुचित कर कटौती के सैकड़ों हजारों डॉलर का दावा कर देते थे.
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रसाद को मार्च में सजा सुनाई जाएगी. उन्हें मेल धोखाधड़ी और वायर धोखाधड़ी करने की साजिश के एक मामले में दोषी ठहराया गया है, जिसमें अधिकतम 20 साल की जेल की सजा है. उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका को धोखा देने की साजिश में भी दोषी ठहराया गया है, जिसमें अधिकतम पांच साल की कैद की सजा है.
इसके अलावा प्रसाद ने स्कैम से कमाए 5 मिलियन डॉलर को छोड़ने की पेशकेश की है. इसमें रियल एस्टेट प्रॉपर्टी भी शामिल हैं.