फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इन दिनों लोगों की ठगी कई तरह से हो रही है. इनमें से एक है स्कैम वाले ऐड्स. स्कैमर्स ई-कॉमर्स वेबसाइट जैसी दिखने वाली वेबसाइट बना कर इसका विज्ञापन फेसबुक पर करते हैं.
क्योंकि स्कैमर्स को पता है कि फेसबुक उन्हें रोक नहीं पाएगा. स्कैम ऐड देख कर लोग धड़ल्ले से शॉपिंग कर रहे हैं और ठगे जा रहे हैं. पिछले कुछ महीनों के अंदर हमने ऐसे कई उदाहरण देखे हैं.
अगर आप भी फेसबुक या इंस्टाग्राम पर ऐड देख कर वहीं से शॉपिंग कर रहे हैं तो आपके लिए कुछ बातें ध्यान में रखना जरूरी है. क्योंकि आपको इस बात की खबर भी नहीं होगी और आप ठग लिए जाएंगे.
जिस प्रोडक्ट के बारे में बातें कर रहे हैं या सर्च कर रहे हैं वैसे ही ऐड्स आपको दिखेंगे...
दरअसल फेसबुक आपके बिहेवियर को ट्रैक करके उस आधार पर आपको विज्ञापन देता है. उदाहरण के तौर पर आप कपड़ों से लेकर फल और सब्जियों के बारे में किसी बातें करते हैं या सर्च करते हैं तो आपको फेसबुक और इंस्टा पर वैसे ही विज्ञापन भी मिलते हैं. असली के साथ यहां नकली कंपनियां भी आपको ठगने के लिए विज्ञापन दिखाती हैं.
फर्जी और स्कैम वाले विज्ञापनों की भरामार
ज्यादातर विज्ञापन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से होता है. लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. कई बार फ्रॉड विज्ञापन दिखते हैं और वहां से यूजर्स सामान ऑर्डर कर लेते हैं.
पेमेंट हो जाने के बाद इंतजार का सिलसिला शुरू होता है. बाद में उस फ्रॉड वेबसाइट पर जा कर नंबर पर कॉल करते हैं तो कॉल नहीं लगता. तब आप समझ जाते हैं कि आपके साथ धोखा हो चुका है.
हाल ही में फेसबुक विज्ञापन देख कर लगभग 5,000 रुपये की शॉपिंग की. वेबसाइट देखने में ई-कॉमर्स वेबसाइट की तरह ही लग रही थी. ऑर्डर करने के हफ्ते भर बाद भी प्रोडक्ट्स नहीं मिले तो वेबसाइट के नंबर पर कॉल किया. नंबर गलत बताया गया.
ये पहला मौका नहीं है, हर दिन कई लोग इसका शिकार होते हैं. क्योंकि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर दिखाए गए विज्ञापनों को लोग सच समझते हैं. सच समझ कर शॉपिंग करते हैं और पेमेंट भी कर देते हैं.
न्यूज फीड पर फर्जी विज्ञापन कैसे पहचानें?
मुश्किल ये है कि फर्जी विज्ञापन भी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर असली जैसे ही लगते हैं. लेकिन इसे पहचानने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.
कोई फेसबुक पोस्ट आपको विज्ञापन जैसा लग रहा है और वहां Sponsored पोस्ट नहीं लिखा है तो वो फर्जी हो सकता है. यहां फर्जी से मतलब स्कैम है. क्योंकि आप उस पर शॉपिंग करेंगे तो आपका पैसा बर्बाद होगा.
दरअसल फेसबुक जो भी ऑफिशियल विज्ञापन ऐक्सेप्ट करता है उसे लेकर थोड़ी वेरिफिकेशन किए जाते हैं. ताकि ये समझा जा सके कि वो स्कैम नहीं है.
इसलिए फेसबुक पर आप अपनी कंपनी ई-कॉमर्स कंपनी का कोई विज्ञापन देंगे तो वहां Sponsored लिखा होगा. जिस विज्ञापन में Sponsored लिखा है वो स्कैम नहीं होगा. हालांकि यहां भी फ्रॉड की गुंजाइश है, लेकिन कम है. न के बराबर है.
एक स्टडी के मुताबिक स्कैम ऐड्स को रिपोर्ट करने के बावजूद भी फेसबुक ने सिर्फ 26% ही ऐसे ऐड्स हटाता है. हालांकि फेसबुक दावा करता रहा है कि स्कैम ऐड का रिपोर्ट मिलते ही कंपनी उसे बैन कर देती है.
फेसबुक क्यों नहीं उठाता कदम?
फेसबुक भले ही जो भी दलील दे, लेकिन सच ये है कि इस प्लैटफॉर्म पर लगातार स्कैम वाले विज्ञापन दिए जा रहे हैं. फेसबुक का हर यूजर उन ऐड्स को इतना ध्यान से नहीं देखता और सभी के लिए असली ओर नकली में पहचान कर पाना मुश्किल भी है.
फेसबुक को चाहिए कि किसी भी विज्ञापन के लिए कायदे से उसका बैकग्राउंड वेरिफिकेशन करे. ऐसे में फर्जी विज्ञापन की चांस कम होंगे. लेकिन चूंकि फेसबुक विज्ञापन से ही पैसे कमाता है और फेसबुक एक प्राइवेट कंपनी है. जाहिर है पैसा कमाने के लिए कंपनी यूजर्स के हित को दरकिनार कर रही है.