फ़ेसबुक इसी साल जून में एक नया फ़ीचर Facebook News लॉन्च किया था. ये फेसबुक के ही मुख्य ऐप में एक सेक्शन के तौर पर दिया जाता है. इसे फिलहाल अमेरिकी यूजर्स के लिए दिया गया है. लेकिन अब ये भारत में भी शुरू किया जा सकता है.
फ़ेसबुक के मुताबिक़ इस फ़ीचर को कंपनी यूके, जर्मनी, फ़्रांस, इंडिया और ब्राज़ील में लॉन्च करेगी. फ़ेसबुक ने कहा है कि इन देशों में छह महीने से एक साल के अंदर ये फ़ीचर लॉन्च कर दिया जाएगा.
ग़ौरतलब है कि फ़ेसबुक ने एक वक़्त पर Trending स्टोरीज की शुरुआत की थी. धीरे धीरे ये फ़ीचर सवालों के घेरे में आ गया. कंपनी पर आरोप लगने लगे कि फ़ेसबुक ट्रेंडिंग स्टोरीज़ में छेड़ छाड़ करती है और इसे अपने फ़ायदे के लिए मैनिपुलेट करती है.
कंपनी ने इसे ठीक करने की कोशिश की और गई नए मेजर्स लिए गए. हालाँकि तब भी ये मामला शांत नहीं हुआ और इसे आख़िरकार कंपनी ने बंद कर दिया.
अब सवाल ये है कि फ़ेसबुक का ये नया फ़ीचर ट्रेडिंग से कैसे अलग होगा और इसकी क्रेडिब्लिटी क्या होगी.
क्या है Facebook News और ये काम कैसे करता है?
फ़ेसबुक ऐप में Facebook News का एक सेपरेट सेक्शन दिया जाएगा. यहां अलग अलग न्यूज पब्लिशर्स की खबरें फीचर करेंगी. इनमें अलग-अलग टॉपिक्स होंगे जिसे आप सेलेक्ट कर सकते हैं.
इस सेक्शन के तहत लोकल न्यूज़ का भी ऑप्शन मिलेगा. फ़ेसबुक न्यूज़ के अंदर Today’s Stories सेक्शन होगा. कंपनी के मुताबिक ये जर्नलिस्ट्स की टीम द्वारा क्यूरेटेड होगा.
इसके अलावा इस सेक्शन में पर्सनलाइज्ड का भी ऑप्शन दिया जाएगा. इसके तहत यूज़र्स अपनी दिलचस्पी के टॉपिक के हिसाब से पर्सनलाइज कर सकते हैं. इसमें ये डिपेंड करेगा कि आप फ़ेसबुक पर क्या पढ़ते हैं, फ़ॉलो करते हैं और शेयर करते हैं.
अगर आप गूगल ने के बारे में जानते हैं तो फ़ेसबुक न्यूज में भी आपको कई तरह के सेक्शन मिलेंगे. इनमें पॉलिटिक्स, साइंस, टेक्नॉलजी, हेल्थ, स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट शामिल होंगे.
न्यूज़ पब्लिशर्स के साथ कंपनी कर सकती है कॉन्टेंट के लिए पार्टनरशिप
चूंकि अभी फ़ेसबुक न्यूज़ का ये फ़ीचर सिर्फ़ अमेरिका में है, इसलिए वहाँ के 200 पब्लिशर्स की ख़बरें फ़ेसबुक न्यूज़ में फ़ीचर की जाती हैं. इन पब्लिशर्स में बजफीड, वॉच स्ट्रीट जर्नल और यूएसए टुडे भी शामिल हैं.
फ़ेसबुक न्यूज़ में फ़ीचर होने के लिए पब्लिशर्स को गाइडलाइन फ़ॉलो करने होंगे..
आपको बता दें कि जो पब्लिशर्स फ़ेसबुक न्यूज़ सेक्शन में फ़ीचर होना चाहते हैं उनके लिए फ़ेसबुक गाइडलाइन जारी करता है. आर्टिकल्स फ़ीचर करने के लिए पब्लिशर्स को फ़ेसबुक पब्लिशर्स गाइडलाइन फ़ॉलो करना होता है.
गाइडलाइन में कई तरह के प्रावधान है जिनमें से मुख्य ये है कि फ़ेसबुक न्यूज़ में फ़ीचर होने वाले कॉन्टेंट किसी तरह से भ्रामक या ग़लत जानकारियों वाले नहीं होने चाहिए.
इस गाइडलाइन में ये भी है कि क्लिकबेट, हेट स्पीच और कम्यूनिटी स्टैंडर्ड वॉयलेशन वाले आर्टिकल नहीं होने चाहिए. फेसबुक ने ये भी दावा किया है कि फ़ेसबुक न्यूज़ में फ़ीचर होने वाले न्यूज़ को लगातार चेक किया जाएगा कि वो स्टैंडर्ड के मुताबिक़ हैं या नहीं.
ट्रेंडिंग की तरह फ़ेसबुक न्यूज़ भी फ़्लॉप न हो, इसलिए कंपनी इस फ़ीचर को पूरी तैयारी के साथ इंप्लिमेंट करती हुई दिख रही है. लेकिन फेसबुक के ट्रैक रेकर्ड को देखते हुए ये कह पाना मुश्किल है कि फ़ेसबुक न्यूज़ पर लोग कितना भरोसा करेंगे.