भारत सरकार ने बीते सोमवार यानी 14 फरवरी को पॉपुलर बैटल रॉयल गेम Garena Free Fire समेत 54 ऐप्स को बैन किया है. इन ऐप्स को सिक्योरिटी और प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए बैन किया गया है. Free Fire के अलावा इस लिस्ट में कोई बहुत पॉपुलर ऐप शामिल नहीं है. इस लिस्ट में ज्यादातर वो ऐप्स हैं, जिनका चीन से कोई ना कोई कनेक्शन है. ऐसे में सवाल हो रहा है कि Free Fire को क्यों बैन किया गया है?
हालांकि Garena International का ही Free Fire Max अभी Google Play Store पर मौजूद है. सरकार ने इस गेम को बैन नहीं किया है. साल 2020 में भारत सरकार ने कई ऐप्स और गेम्स को बैन किया था, इसमें TikTok, PUBG Mobile और PUBG Mobile Lite शामिल थे. PUBG Mobile और PUBG Mobile lite के बैन होने का सबसे ज्यादा फायदा Free Fire को मिला था, लेकिन अब ये भी भारत में बैन हो गया है.
सरकार ने बताया है कि हाल में ऐप्स को यूजर्स के सेंसिटिव डेटा और विभिन्न गंभीर परमिशन मांगने के कारण बैन किया गया है. ये ऐप्स यूजर्स का रियल टाइम डेटा कलेक्ट कर रहे थे और उन्हें दूसरे देशों में मौजूद सर्वर पर भेज रहे थे. लिस्ट में शामिल कुछ ऐप्स सर्विलांस एक्टिविटी भी कर रहे थे. वह माइक, कैमरा, GPS की मदद से यूजर्स का डेटा इकट्ठा कर रहे थे.
Garena Free Fire का दावा है कि वह सिंगापुर बेस्ड कंपनी हैं. इसके बाद बहुत से लोग यह सवाल कर रहे हैं कि सरकार ने इसे फिर क्यों बैन किया है. हालांकि, इस मामले में कोई स्पष्टता नहीं है. क्योंकि सरकार ने कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, रिपोर्ट्स की मानें तो Free Fire के बैन होने के पीछे भी Tencent ही है, जिसकी Garena में 18.7 फीसदी हिस्सेदारी है.
ध्यान रहें कि PUBG Mobile और PUBG Mobile Lite को भी जब बैन किया गया था, तो उनका संबंध Tencent से था. बाद में इस गेम को कुछ बदलाव के साथ Krafton ने BGMI के नाम से रिलॉन्च किया है, जो अभी भी भारत में चल रहा है. Garena की पैरेंट कंपनी Sea Ltd है, जिसके फाउंडर Forrest Li हैं. उनका जन्म चीन में हुआ है, लेकिन अब वह सिंगापुर के नागरिक हैं. कंपनी का कहना है कि उनका चीन से कोई संबंध नहीं है.
Garena Free Fire की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक, गेम अपने यूजर्स का डेटा भारत या सिंगापुर स्थित सर्वर पर स्टोर करती है और किसी दूसरे देश से शेयर नहीं करती है. कंपनी का कहना है कि वह किसी भी यूजर का डेटा दूसरे देश में न तो ट्रांसफर करते हैं न ही उसकी प्रोसेसिंग करते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी ने कहा है कि वह भारत के नियम और कानून का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वे भारतीय यूजर्स का डेटा चीन में स्टोर नहीं करते हैं.