स्मार्टफोन और इंटरनेट की दुनिया जितनी आसान दिखती है, उतनी है नहीं. यहां हर पल हम पर नजर रखी जाती है. इस निगरानी का मकसद हर बार आपकी जासूसी तो नहीं होता है, लेकिन उससे कुछ कम भी नहीं है. बहुत से लोगों की शिकायत होती है कि उन्हें फोन में Adult Ads या सेक्सुअल कंटेंट के नोटिफिकेशन आते हैं.
क्या गूगल या दूसरे ऐप्स आपको अनयास इस तरह के नोटिफिकेशन भेजने लगते हैं? नहीं ऐसा बिलकुल भी नहीं है. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, गूगल और दूसरे ऐप्स यूजर बिहेवियर के अनुसार ही आपको ऐड्स दिखाते हैं. यानी आपके बिहेवियर में उन्हें इस तरह के कंटेंट्स की प्रति झुकाव दिखा होगा.
गूगल या फिर फेसबुक जैसे किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपको दिखने वाले ऐड्स एक एल्गोरिद्म को फॉलो करते हैं. ये एल्गोरिद्म यूजर की पसंद, मीडिया कंजम्पशन और लाइक्स व कमेंट पर निर्भर करते हैं.
मसलन आपने अनजाने या फिर मर्जी से किसी ऐसी वेबसाइट या कंटेंट को देखा होगा, जो एडल्ट कैटेगरी का होगा. इसके बाद मशीन के एल्गोरिद्म में आपका बिहेवियर अपडेट हो जाता है और आपको इस तरह के ऐड्स नजर आने लगते हैं.
ये एल्गोरिद्म सिर्फ आपको नजर आने वाले ऐड्स के लिए ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले कंटेंट्स के लिए भी काम करता है. कुछ लोगों की शिकायत रहती है, उन्हें एक ही तरह के रील्स या सोशल मीडिया पोस्ट नजर आते हैं.
इसकी वजह साफ है. उनका सर्च बिहेवियर या कंटेंट कंजम्पशन. आपको जो भी चीजें नजर आती है, इनमें कुछ ऐसा जरूर होगा जो आपने पसंद किया होगा.
आपको आने वाले नोटिफिकेशन्स का मामला थोड़ा अलग है. कुछ नोटिफिकेशन्स गूगल या क्रोम से आते हैं. ये नोटिफिकेशन्स आपके सर्च पैटर्न पर बेस्ड होते हैं, जबकि कुछ नोटिफिकेशन्स आपको वेबसाइट्स से भेजे जाते हैं.
ऐसे में अगर आपको एडल्ट नोटिफिकेशन्स आ रहे हैं, तो हो सकता है आपने किसी ऐसी वेबसाइट पर विजिट किया हो और उनका नोटिफिकेशन सब्सक्राइब कर लिया हो. बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है. इसे आप आसानी से नोटिफिकेशन सेटिंग में जाकर बंद कर सकते हैं.