CERT-In यानी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने Google Chrome और Microsoft Edge यूजर्स के लिए वॉर्निंग जारी की है. अगर आप इन दोनों में किसी भी वेब ब्राउजर को यूज करते हैं, तो इस सरकारी एजेंसी की वॉर्निंग आपके लिए है. CERT-In इंटरनेट और साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मुद्दों पर समय-समय पर वॉर्निंग जारी करती रहती है.
CERT-in मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के अंतर्गत काम करती है. एजेंसी ने बताया है कि इन दोनों वेब ब्राउजर्स में कई वल्नेरेबिलिटी पाई गई हैं. इनका फायदा उठाकर हैकर्स आपकी सेंसिटिव जानकारी हासिल कर सकते हैं.
साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने इस वल्नेरेबिलिटी की जानकारी CIVN-2023-0361 में दे दी है. इस नोट में गूगल क्रोम के डेस्कटॉप वर्जन के लिए चेतावनी जारी की गई है. वहीं माइक्रोसॉफ्ट Edge के लिए वॉर्निंग CIVN-2023-0362 नोट में जारी की गई है. CERT-In का कहना है कि ये दोनों ही वॉर्निंग हाई रिस्क वाली हैं.
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ऐसे यूजर्स जो 120.0.6099.62 से पहले का Google Chrome वर्जन Linux और मैक पर यूज कर रहे हैं वो रिस्क में हैं. इसी तरह से 120.0.6099.62/.63 से पहले का वर्जन यूज करने वाले विंडोज यूजर्स भी रिस्क पर हैं. ऐसे ही Microsoft Edge का 120.0.2210.61 से पहले का वर्जन भी रिस्क पर है.
Google Chrome और Microsoft Edge में मौजूद इन खामियों की वजह मीडिया स्ट्रीम, साइड पैनल सर्च और मीडिया कैप्चर हैं. इसके अतिरिक्त ऑटोफिल और वेब ब्राउजर UI का गलत इम्प्लीमेंट भी इनकी वल्नेरेबिलिटी की वजह हैं. एक रिमोट एक्टर इन खामियों का फायदा उठाकर टार्गेटेड सिस्टम को स्पेशल रिक्वेस्ट भेज सकता है.
आसान भाषा में कहें, तो इन खामियों का फायदा उठाकर कोई हैकर रिमोटली आपके सिस्टम से डिटेल्स चोरी कर सकता है. बेहतर सिक्योरिटी के लिए यूजर्स को लेटेस्ट सिक्योरिटी अपडेट इंस्टॉल करना होगा. कंपनी ने पहले ही सिक्योरिटी अपडेट को रोलआउट कर दिया है, इसलिए आपको अपना सिस्टम तुरंत अपडेट करना चाहिए.