दुनिया की टॉप टेक कंपनियों में शुमार गूगल में भी कर्मचारियों ने एक यूनियन बना लिया है. ये यूनियन कर्मचारियों के बेहतर वेतन, नौकरी की सुविधाओं, अच्छा वर्क कल्चर के लिए काम करेगा. इस यूनियन में अबतक 200 से ज्यादा कर्मचारी शामिल हो चुके हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से गूगल पर अमेरिका की श्रम नियामक संस्था ने कर्मचारियों के साथ गैरपेशेवर व्यवहार का आरोप लगाया है.
इस यूनियन का नाम अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन रखा गया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस यूनियन के नेता ने सोमवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखकर यूनियन के उद्देश्यों को स्पष्ट किया है. यूनियन के नेता ने लिखा है कि अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि उसके सदस्य उचित वेतनमान पर काम करें. कंपनी में इनका शोषण न हो, इनके साथ बदले की भावना से काम न किया जाए और कर्मचारी भेदभाव के डर के बिना स्वतंत्र होकर काम कर सके.
अमेरिका की श्रम नियामक संस्था ने गूगल पर आरोप लगाया है कि वो कर्मचारियों से गैरकानूनी तरीके से पूछताछ कर रहा है. इनमें से कई लोगों ने कंपनी की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था और एक संगठन बनाने की कोशिश की थी. इसके बाद इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था.
हालांकि गूगल का पक्ष है कि उसे यकीन है कि उसकी ओर से उठाए गए सभी कदम वैध हैं. बता दें कि टेक इंडस्ट्री जहां पेशेवर दक्षता, टारगेट और परफॉर्मेंस का बोलबाला रहता है, वहां पर लेबर यूनियन का बनना एक अहम घटनाक्रम है.
अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन के चीफ का कहना है कि हम कई साल की कोशिश के बाद गूगल में कर्मचारियों के लिए एक औपचारिक संगठन तैयार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अबतक 226 कर्मचारी इस संगठन के सदस्य हैं.
वहीं गूगल के पीपुल ऑपरेशंस डायरेक्टर कारा सिल्वस्टीन ने कहा कि हमारे कर्मचारियों के संरक्षित श्रम अधिकार हैं, जिनका हम सम्मान करते हैं, लेकिन जैसा कि हम हमेशा से करते आए हैं, हम आगे भी अपने सभी कर्मचारियों के साथ सीधे संपर्क में रहेंगे और संवाद करते रहेंगे.