Google ने Android OS और प्ले स्टोर बिलिंग सिस्टम में बदलाव की घोषणा की है. ये बदलाव भारत में किए गए हैं. हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल पर जुर्माना लगाया था. अब कंपनी जर्माने के बाद कई बदलाव कर रही है.
इसकी जानकारी कंपनी ने अपने ब्लॉगपोस्ट के जरिए दी है. एक ब्लॉग में कंपनी ने बताया कि वो देश में स्थानीय कानून और नियमों का पालन करता है. इसके लिए वो लगातार प्रतिबद्ध है. कंपनी ने आगे बताया कि एंड्रॉयड और प्ले को लेकर मिले CCI निर्देशों से भारत में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं.
ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने इन बदलाव के बारे में जानकारी दी है. कंपनी ने ये भी बताया है कि वो CCI के कुछ डिसीजन पर सम्मानपूर्वक अपील करना जारी रखेगी. इसके अलावा यूजर्स की प्राइवेसी के लिए वो भी लगातार प्रतिबद्ध है.
क्या बदल गया?
कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में बताया कि OEM या मोबाइल कंपनियों को गूगल के ऐप को फोन में प्री-इंस्टॉल करने के लिए लाइसेंस लेना होगा. पहले गूगल के ऐप्स एंड्रॉयड फोन में पहले से इंस्टॉल होते हैं. इसके अलावा भारतीय एंड्रॉयड मोबाइल यूजर्स अपने फोन या टैबलेट में डिफॉल्ट सर्च इंजन को भी चुन सकते हैं.
अभी डिफॉल्ट सर्च इंजन के तौर पर गूगल ही दिया जाता है. इससे बाकी सर्च इंजन कंपनियां पिछड़ जाती है. मौजूदा समय में डिफॉल्ट सर्च इंजन गूगल रहता है. इसके अलावा गूगल प्ले-स्टोर पर ऐप बिलिंग के लिए थर्ड पार्टी पेमेंट मोड का भी विकल्प मिलेगा. ये बदलाव 26 जनवरी से लागू हो गए हैं.
अगर नहीं मानता आदेश तो क्या होता?
गूगल सीसीआई के आदेश को नहीं मानता तो उस पर आने वाले समय में और भी जुर्माना लगता. इससे पहले कंपनी पर गलत फायदा उठाने के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इस पर कंपनी कोर्ट भी गई लेकिन राहत नहीं मिल पाई.