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iPhone में सिर्फ एक फीचर के लिए गूगल Apple को देता है 18 से 20 अरब डॉलर्स

Google Antitrust Trial: गूगल पर कई बार मार्केट में मोनोपोली क्रिएट करने का आरोप लगता रहता है. इस मामले में अमेरिकी अदालत में गूगल पर एंटीट्रस्ट केस भी चल रहा है. हाल में आई एक रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट की मानें तो गूगल ने ऐपल के डिवाइसेस में डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए कंपनी को पैसे दिए हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

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Google ने Apple को दिए अरबों, ताकि बना रहे सर्च इंजन
Google ने Apple को दिए अरबों, ताकि बना रहे सर्च इंजन

गूगल इन दिनों एंटीट्रस्ट केस के मामले में कटघरे में है. अमेरिकी कोर्ट में गूगल के खिलाफ सुनवाई चल रही है. दरअसल, अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट का दावा है कि गूगल ने गैर-कानूनी ढंग से अपनी मोनोपोली क्रिएट की है. इसके लिए कंपनी ने दूसरे स्मार्टफोन ब्रांड्स और ब्राउजर्स को गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने के लिए पैसे दिए हैं. 

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इस मामले की सुनवाई के बीच एक रिपोर्ट आई है, जिसमें दावा किया गया है कि गूगल ने ऐपल को भी पैसे दिए हैं. कंपनी ने ऐपल के डिवाइसेस पर Google को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाने के लिए अरबों डॉलर दिए हैं. 

रिपोर्ट में हुआ दावा

सुनवाई के दौरान अंदाजा लगाया गया था कि गूगल इसके लिए ऐपल को 10 अरब डॉलर से 20 अरब डॉलर की पेमेंट की है. इसकी वजह से Apple ने Safari ब्राउजर पर गूगल को डिफॉल्ट सर्च इंजन बनाया है. इस मामले में अब आंकड़े सामने आ चुके हैं. New York Times ने दावा किया है कि साल 2021 में ऐपल को 18 अरब डॉलर मिले थे. 

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रिपोर्ट की मानें, तो गूगल को ऐपल के सर्च टेक्नोलॉजी के बेहतर होने की चिंता थी. ऐपल के आईफोन सर्च टूल, स्पॉट लाइट जैसे फीचर्स यूजर्स को बेहतर वेब रिजल्ट्स दिखाने लगे थे, जैसे गूगल सर्च के साथ होता है. इसके बाद गूगल ने iPhone के लिए अपना अलग से वर्जन क्रिएट किया. 

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माइक्रोसॉफ्ट ने क्या कहा?

साथ ही Apple iPhone यूजर्स को Safari के बजाय गूगल क्रोम ब्राउजर यूज करने के लिए भी मनाने की कोशिश की गई. इस टॉपिक पर Microsoft के CEO सत्य नडेला से भी चर्चा की गई, लेकिन उसका तरीका दूसरा था. New York Times की रिपोर्ट की मानें तो गूगल को ऐपल के बेहतर होते सर्च रिजल्ट की चिंता सता रही थी. 

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नडेला ने इस मामले में कहा था कि ऐपल को भी डर था कि गूगल अपनी Gmail जैसी पॉपुलर सर्विसेस का इस्तेमाल यूजर्स को क्रोम पर लाने के लिए कर सकता है.

सत्य नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट भी ऐपल के डिवाइसेस पर डिफॉल्ट ब्राउजर बनना चाहता था, लेकिन दिक्कत पैसों की थी. हालांकि, गूगल इस मामले में कहता है कि आज भी यूजर्स के पास डिफॉल्ट ब्राउजर चेंज करने का ऑप्शन मिलता है. 

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