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Gmail और YouTube यूजर्स के अकाउंट में कंपनी ये बड़ा बदलाव करने वाली है

गूगल ने कहा है कि इस साल के आखिर तक 150 मिलियन यूजर अकाउंट्स को टू स्टेप वेरिफिकेशन के लिए एनरॉल किया जाएगा. इससे यूजर्स को क्या फायदा होगा?

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • गूगल 150 मिलियन यूजर अकाउंट्स में इसे एनेबल करेगा
  • 2 मिलियन YouTube क्रिएटर्स के लिए भी इसे एनेबल किया जाएगा

गूगल यूजर्स के अकाउंट्स में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. दरअसल कंपनी ने ऐलान किया है कि 150 मिलियन यूजर्स के अकाउंट में टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन एनेबल किया जाएगा. 

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दरअसल टू स्टेप ऑथेन्टिकेशन या टू स्टेप वेरिफिकेशन किसी भी अकाउंट को ज्यादा सुरक्षित बनाता है. ये सिर्फ जीमेल ही नहीं, बल्कि दूसरी कंपनियां भी अपने सर्विस के लिए यूज करती हैं. 

गूगल ने अपने ब्लॉगपोस्ट में कहा है कि इस साल के आखिर तक 150 मिलियन अकाउंट्स में टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन एनेबल कर दिया जाएगा. 

गौरतलब है कि 2018 तक सिर्फ गूगल के 10% यूजर्स ही टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन यूज करते थे. कंपनी तब से ज्यादा से ज्यादा लोगों को अकाउंट में टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन यूज करने के लिए एनकरेज कर रही है. 

20 लाख YouTube क्रिएटर्स को भी  टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन के लिए एनरॉल किया जाएगा. गूगल ने कहा है कि 10 हजार से ज्यादा हार्डवेयर सिक्योरिटी कीज हर साल देने के लिए ऑर्गनाइजेशन्स के साथ  करार किया गया है. 

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गूगल ने कहा है कि टू स्टेप वेरिफिकेशन किसी भी अवैध ऐक्सेस से बचने के बेहतरीन टूल्स में से एक है जो अकाउंट और नेटवर्क को सेफ रखता है. 

क्या होता है टू स्टेप वेरिफिकेशन?

टू स्टेप वेरिफिकेशन को किसी भी अकाउंट में एक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए दिया जाता है. ऐसी स्थिति में अगर किसी के पास आपका पासवर्ड भी है तो वो आपके अकाउंट को ऐक्सेस नहीं कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास मैसेज आएगा.

टू स्टेप वेरिफिकेशन हार्डवेयर बेस्ड भी होता है जहां सिक्योरिटी की यूज की जाती हैं. जीमेल सहित किसी भी अकाउंट में इसे ऐड किया जा सकता है. ज्यादातर बड़ी कंपनियां सिक्योरिटी की का भी सपोर्ट देती हैं. यानी लॉग इन करने के बाद सिर्फ पासवर्ड नहीं, बल्कि सिक्योरिटी की भी लगाना होता है तभी ऐक्सेस कर पाते हैं. 


 

 

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