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GPAI Summit 2023: 'AI की मदद से कैसे बदल रहा भारत...', पीएम मोदी ने लिखा ब्लॉग

GPAI Summit 2023: जल्द ही भारत में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट शुरू होने वाला है. इस समिट को लेकर प्रधानमंत्री ने एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने दुनियाभर के टेक एंथूजियास्ट और स्टेकहोल्डर्स को हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया है. इस समिट की शुरुआत 12 दिसंबर से हो रही है और जिसमें कई विषयों पर चर्चा होगी. ये इवेंट भारत मंडपम, नई दिल्ली में होगा.

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PM नरेंद्र मोदी ने GPAI पर लिखा ब्लॉग (फाइल फोटो)
PM नरेंद्र मोदी ने GPAI पर लिखा ब्लॉग (फाइल फोटो)

आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) इन दिनों चर्चा में है. जल्द ही इस पर एक ग्लोबल समिट (GPAI Summit 2023) होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में पोस्ट लिखा है. इस पोस्ट के जरिए उन्होंने टेक एंथूजियास्ट और दुनियाभर के स्टेकहोल्डर्स को ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट में हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया है. 

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उन्होंने Global Partnership on Artificial Intelligence Summit 2023 पर एक ब्लॉग लिखा है. ये ब्लॉग लिंक्डइन पर शेयर किया गया है, जिसमें उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भारत को लेकर तमाम जानकारियां साझा की हैं.

PM मोदी ने लिखा ब्लॉग

Global Partnership on Artificial Intelligence Summit 2023 की शुरुआत 12 दिसंबर से हो रही है, जो 14 दिसंबर तक चलेगा. पीएम मोदी ने लिखा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि आप इस वाइब्रेंट प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनना पसंद करेंगे.'

PM Modi

उन्होंने लिखा, 'हम बहुत ही इंटरेस्टिंग समय में रह रहे हैं. तेजी से होते इनोवेशन और इंसानी प्रयासों की शक्ति ने जीवन को उस मोड पर पहुंचा दिया है, जिसकी कभी सिर्फ कल्पना की जाती थी. तेजी से आगे बढ़ते हुए इस समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा एरिया है, जहां इसके ऐप्लिकेशन्स का तेजी से विस्तार हो रहा है.'

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'ये क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी अब नई पीढ़ी के हाथों में है. भारत एक युवा देश है, जहां वाइब्रेंट स्टार्ट-अप का इकोसिस्टम और टैलेंटेड वर्कफोर्स मौजूद है. AI के विकास में भारत एक महत्वपूर्ण और एक्टिव योगदान देगा. भारत ऐसे समाधान प्रदान करता है, जो स्केलेबल, सुरक्षित, किफायती, टिकाऊ और वैश्विक स्तर पर फॉलो किए जा सकते हैं.'

'भारत ने जो सालों में किया, दूसरे देशों को उसमें पीढ़ियां लग गईं'

PM मोदी ने लिखा, 'इस तरह के कदमों का एक उदाहरण भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है. पिछले 9 से 10 सालों में भारत और उसके नागरिकों ने टेक्नोलॉजी की मदद से ऊंची छलांग लगाई है.'

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'ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि भारत ने जो कुछ सालों में प्राप्त किया है, दूसरे देशों को उसे हासिल करने में पीढ़ियां लग गईं. ऐसा मोबाइल के तेजी से विस्तार के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल समावेशन के लिए स्केलेबल मॉडल की वजह से हुआ है.'

'इस तरह से AI के क्षेत्र में भी अपने नागरिकों को सशक्त करने में भारत एक बड़ी छलांग लगाएगा. चाहे नागरिकों की सेवा उनकी भाषा में करनी हो, चाहे शिक्षा को आसान और पर्सनलाइज्ड बनाना हो, चाहे हेल्थकेयर को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना हो, चाहे कृषि को ज्यादा जानकारी देनी हो, भारत AI का इस्तेमाल विभिन्न कामों में कर रहा है.'

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