Deepfake का इस्तेमाल सिर्फ लोगों को बदनाम करने में नहीं किया जा रहा है. बल्कि इसका इस्तेमाल करके आम लोगों और कंपनियों को भी ठगा जा रहा है. ऐसा ही एक नया मामला सामने आया है, जो हॉन्गकॉन्ग का है. एक मल्टीनेशनल कंपनी ने इस डीपफेक स्कैम में 2.5 करोड़ डॉलर (लगभग 207.6 करोड़ रुपये) गंवा दिए हैं.
ये अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें किसी कंपनी के बहुत से कर्मचारियों का डीपफेक वीडियो बनाया गया. फिर उस कंपनी के कर्मचारी को टार्गेट किया गया और स्कैम हुआ. आइए जानते हैं इसकी पूरी कहानी.
इस मामले में स्कैमर्स ने डीपफेक का इस्तेमाल करके कंपनी की हॉन्गकॉन्ग ब्रांच के कर्मचारी को शिकार बनाया है. इसके लिए उन्होंने कंपनी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर और कई दूसरे कर्मचारियों का डीपफेक वीडियो क्रिएट किया. इसके बाद एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कंपनी के कर्मचारी को शामिल किया. जिसमें उससे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा.
इस वीडियो कॉल में पीड़ित को छोड़कर सभी कर्मचारी नकली थे. यानी सभी का डीपफेक अवतार उसमें मौजूद था. इसके लिए स्कैमर्स ने पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद वीडियो और दूसरे फुटेज का इस्तेमाल किया था, जिससे मीटिंग में मौजूद हर शख्स असली लगे.
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. उनका कहना है कि ये हॉन्गकॉन्ग में हुआ अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें इतना बड़ा स्कैम हुआ है. इस मामले में कंपनी और उसके कर्मचारी के बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है. डीपफेक टेक्नोलॉजी पिछले कुछ वक्त से काफी ज्यादा चर्चा में है.
हॉन्गकॉन्ग में हुई इस ठगी में ब्रांच के फाइंसेस डिपार्टमेंट ने पुलिस को जानकारी दी थी. पुलिस की मानें, तो स्कैम का शिकार हुए कर्मचारी ने कॉल के दौरान दी गई जानकारी को फॉलो किया है. उसने 5 अलग-अलग बैंक अकाउंट में 15 ट्रांजेक्शन करके 20 करोड़ हॉन्गकॉन्ग डॉलर ट्रांसफर किए थे.
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कर्मचारी ने जब इस बारे में कंपनी के हेडवार्टर पर पता किया, तब उसे पता चला कि ये एक स्कैम है. भारत में डीपफेक पर चर्चा उस वक्त शुरू हुई थी, जब रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो सामने आया था. वहीं पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट की भी एक डीपफेक तस्वीर काफी ज्यादा वायरल हो चुकी है. इसके बाद से ही दुनियाभर में डीपफेक को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग हो रही है.