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चीनी कंपनी Ali Baba बैक्ड भारतीय ऐप Paytm के फाउंड विजय शेखर शर्मा ने लोगों से गुजारिश की है को वो WhatsApp न यूज करें. उन्होंने WhatsApp की जगह Signal यूज करने की सलाह दी है. लेकिन इसकी वजह क्या है?
WhatsApp प्राइवेसी को लेकर इन दिनों विवादों में है. लेकिन Paytm के फाउंडर विजय शेखर शर्मा WhatsApp को लेकर पहले भी बोलते आए हैं. खास कर तब से जब WhatsApp ने पेमेंट सर्विस लाने का ऐलान किया था.
चूंकि Paytm के लिए WhatsApp एक डायरेक्ट राइवल है, इसलिए पेटीएम के विजय शेखर शर्मा वॉट्सऐप पर कुछ इल्जाम पहले ले लगाते आए हैं. उन्होंने कहा था कि WhatsApp पेमेंट सुरक्षित नहीं होगा, क्योंकि इसमें लॉग इन लॉग आउट जैसी कोई चीज नहीं है.
तो अब आपको ये मसझ में आ गया होगा कि Paytm के सीईओ लोगों को WhatsApp न यूज करने की सलाह क्यों दे रहे हैं और इसके पीछे मकसद क्या है. अब बात प्राइवेसी की -- तो क्या आप ये जानतें हैं कि Paytm ऐप आपका कौन कौन सा डेटा कलेक्ट करता है? नहीं जानते हैं तो हम आपको बताते हैं.
ऐपल ऐप स्टोर पर हाल ही में प्राइवेसी लेबल की शुरुआत की गई है. ऐप स्टोर पर किसी भी ऐप को सर्च करके आप ये देख सकते हैं कि वो ऐप आपकी क्या क्या जानकारियां लेता है.
ऐपल ऐप स्टोर पर दर्ज Paytm के प्राइवेसी लेबल के मुताबिक ये ऐप यूजर की लोकेशन ट्रैक करता है. इसके अलावा जाहिर है कॉन्टैक्ट इनफो और कॉन्टैक्ट्स की डीटेल्स तो पेटीएम के पास होनी ही है, क्योंकि इसी के जरिए अकाउंट बनता है और आप पेमेंट करते हैं.
Paytm ऐप फंक्शनैलिटी के लिए आपके ये डेटा कलेक्ट किया जा सकता है...
ऐप स्टोर के प्राइवेसी लेबल के मुताबिक ये ऐप यूजर्स की फिनांशियल इनफो, लोकेशन, कॉन्टैक्ट इनफो (नाम और फोन नंबर), कॉन्टैक्ट्स और यूजर कंटेंट जैसे की फोटोज और वीडियोज का ऐक्सेस ले सकता है.
पेटीएम पर लगें हैं सरकार के साथ यूजर डेटा शेयर करने के आरोप...
गौरतलब है कि 2018 में कोबरा पोस्ट के स्टिंग के बाद रिपोर्ट में दावा किया गया कि पेटीएम सरकार के साथ यूजर डेटा शेयर करता है. इस स्टिंग वीडियो में पेटीएम के आला अधिकारी कथित तौर पर ये कहते हुए पाए गए थे कि पेटीएम सरकार के कैंपेन को प्रोमोट करता है.
कोबरा पोस्ट के इस स्टिंग में पेटीएम सीईओ विजय शेखर शर्मा के छोटे भाई भी थे. इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद पेटीएम को विपक्षी पार्टियों ने निशाना बनाया. बहरहाल पेटीएम ने तब इसके बाद स्टेटमेंट जारी किया था.
पेटीएम द्वारा तब दिए गए स्टेटमेंट में कहा गया कि यूजर्स का डेटा 100% सिक्योर है और लॉ इनफोर्समेंट एजेंसियों के रिक्वेस्ट पर उन्हें डेटा दिया जा सकता है. लेकिन इसके अलावा डेटा किसी भी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाता है.
कोबरा पोस्ट द्वारा किए गए इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद सोशल मीडिया पर पेटीएम ट्रेंड करने लगा था और विपक्षी पार्टी ने पेटीएम पर कई आरोप लगाए. राहुल गांधी ने ट्वीट करके पेटीएम को पे टु पीएम कहा.
क्या WhatsApp सरकार के साथ डेटा शेयर करता है?
WhatsApp चैट का जहां तक सवाल है तो कंपनी का कहना है कि यूजर्स का वॉट्सऐप चैट किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता. चूंकि WhatsApp चैट में एंड टु एंड एन्क्रिप्शन है, इसलिए इसे न तो वॉट्सऐप और न ही किसी थर्ड पार्टी को इसका ऐक्सेस मिल सकता है.
हालांकि टेक कंपनियां यूजर्स का मेटा डेटा सरकारी एजेंसियों के रिक्वेस्ट पर उन्हें दे सकती हैं. मेटा डेटा में यूजर्स की बेसिक इनफॉर्मेंशन होती है, लेकिन इसमें कम्यूनिकेशन का डेटा नहीं होता है.