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क्रिप्टो और ब्लॉकचेन हब बनने के रास्ते पर भारत, एडोप्शन में नंबर-1, Binance की भारत वापसी पर इंडिया हेड ने क्या कहा?

Crypto और Blockchain अब पहले की तरह Buzzword नहीं रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत क्रिप्टो-ब्लॉकचेन एडोप्शन में नंबर-1 है. यहां तक की RBI का CBDC भी ऐक्टिव है और इसके पायलट में 50 लाख यूजर्स आ चुके हैं. इसी बीच भारत में Binance की वापसी हो चुकी है और हमने Crypto और Bloackchain के फ्यूचर पर बात की Binance के रीजनल मार्केट हेड विशाल सचिंद्रन से.

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क्या क्रिप्टो फिर से वापस आ रहा है? कुछ साल पहले क्रिप्टो बजवर्ड हुआ करता था. सोशल मीडिया से लेकर टीवी तक पर सिर्फ क्रिप्टो के ऐड्स और उससे जुड़े चर्चे. धीरे धीरे भारत में क्रिप्टो का क्रेज़ कम हुआ और फ़िलहाल ऐसा लग रहा है क्रिप्टो ठंढा पड़ा हुआ है. 

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लेकिन क्या आपको पता है कि Bitcoin की वैल्यू लगातार ही बढ़ रही है. एक BTC की वैल्यू लगभग 1 करोड़ रुपये हो गई है. यानी हिस्ट्री में पहली बार 1 बिटक्वइन की वैल्यू इतनी हुई है. फिलहाल 1 बिटक्वॉइन की वैल्यू 1 लाख अमेरिकी डॉलर हो गई है, लेकिन ये यहां रुकने वाला नहीं है. 

इतना ही नहीं, क्रिप्टो एक्सपर्ट्स ये प्रेडिक्ट कर रहे हैं कि 2025 के पहले क्वॉर्टर तक 1 बिटक्वॉइन की वैल्यू $120k तक हो सकती है. deVere ग्रुप ने पिछले महीने ही प्रेडिक्ट किया था कि डोनाल्ड ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने तक 1 bitcoin की वैल्यू 100000 USD हो सकती है.  

इसी बीच Binance की भी इंडिया में वापसी हो चुकी है. अगस्त से भारत में Binance फिर से बिजनेस स्टार्ट कर चुका है. गौरतलब है कि Binance एक ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्स्चेंज प्लैटफॉर्म है जहां क्रिप्टो की ट्रेडिंग सहित क्रिप्टो से जुड़े ट्रेनिंग होते हैं. 

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Binance के रीजनल मार्केट हेड विशाल सचिंद्रन से आज तक से ख़ास बातचीत की है. हमने उनसे जानने की कोशिश की है कि भारत में क्रिप्टो का क्या फ्यूचर है. साथ ही ये भी पूछा लोग आम तौर पर क्रिप्टो स्पेस में क्या गलती करते हैं और उन्हें सुधारने के लिए क्या करना चाहिए. 

Head of Regional Markets, Binance

सबसे पहले ये जानते हैं कि आख़िर Bitcoin की वैल्यू इतनी क्यों बढ़ रही है? 

डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिप्टो को लेकर कई बड़े दावे किए हैं. क्रिप्टो पॉलिसी में बदलाव करने की बात की है. सबसे बड़ी बात ये है कि Elon Musk को DOGE डिपार्टमेंट दिया जाएगा. चूंकि Elon Musk क्रिप्टो को लेकर काफी वोकल हैं और इसे सपोर्ट भी करते हैं. इससे भी ट्रेडर्स में काफी उत्साह है, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि मस्क की वजह से क्रिप्टो बूम आएगा. 

यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के बाद से Bitcoin में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है. जल्द ही डोनल्ड ट्रंप प्रेसिडेंट बन जाएंगे और चूंकि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सपोर्ट दिखाया है, इसलिए ट्रेडर्स क्रिप्टो को लेकर बेहद उत्साहित भी दिख रहे हैं. 

ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के अंदर उम्मीद है कि क्रिप्टो पर कम रेग्यूलेशन होगा और फ़ेवरेबल पॉलिसीज भी बनेंगी. डोनाल्ड ट्रंप ने सरकार में एक ख़ास बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी के लिए प्रेसिडेंशियल एडवाइजरी काउंसिल बनाने की भी बात कही है.

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क्या अभी क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सही समय है?

भारत में जब से क्रिप्टो पर भारी भरकम टैक्स लगा है तब से यहां क्रिप्टो का क्रेज़ लगभग खत्म सा लगता है. लेकिन बावजूद इसके दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के रीजनल हेड ने AajTak से कहा कि भारत में क्रिप्टो एडोप्शन दुनिया के मुकाबले काफी ज्यादा है. ये आंकड़ा ख़ुद में दिलचस्प है. 

Chainalysis की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत ग्लोबल क्रिप्टो एडोप्शन में नंबर-1 स्पॉट पर है. इतना ही नहीं, पिछले दो साल से भारत यहां नंबर-1 पोजिशन पर ही है. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में अभी भी भारत काफी आगे है और Binance की भारत में वापसी के बाद ऐसा लग रहा है एक बार फिर से क्रिप्टो में लोगों को दिलचस्पी बढ़ सकती है. 

Binance की भारत वापसी

Binance की भारत में दुबारा वापसी पर रीजनल मार्केट्स हेड Vishal Sachindran ने आज तक को बताया कि कंपनी ने भारत की फ़ाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट FIU और रेगुलेटर्स के साथ बहुत ही सक्रियता से काम किया है. उन्होंने कहा, ‘हमारा फोकस ट्रांसपेरेंसी पर है—हमने अपने प्रैक्टिसेज़ को शेयर किया, कॉम्प्लायंस को दिखाया, और रेगुलेशंस के मुताबिक काम किय. हमने सरकार को ऑपरेशन्स के लाइव डेमो दिए, जिससे FIU को आरामदायक महसूस हो और हमें अप्रूवल मिल सके’ 

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Binance के मुताबिक़ बाकी रेगुलेटर्स के मुकाबले में, इंडिया के रेगुलेटर्स इंडस्ट्री के साथ डायलॉग करने के लिए खुले हैं. ग्लोबली, सब ऐसे नहीं होते. कई रेगुलेटर्स सिर्फ एनफोर्समेंट पर ध्यान देते हैं बिना इंडस्ट्री को समझे. FIU का कोलैबोरेटिव एप्रोच देखना काफी रिफ्रेशिंग था. 

क्रिप्टो को लेकर अभी भी लोगों को ज्यादा क्लैरिटी नहीं रहती है. Binance ने कहा है कि कंपनी लोगों को फ्री ट्रेनिंग देती है और चाहती है कि ब्लॉकचेन और क्रिप्टो कॉन्सेप्ट ग्रासरूट लेवल तक जाए. उन्होंने कहा,  ‘हम दुनिया के एजुकेशन मिनिस्ट्रीज के साथ काम कर रहे हैं और यही एप्रोच इंडिया में भी लाना चाहते हैं’

भारतीय डिजिटल करेंसी CBDC का क्या फ्यूचर है?

2022 के आख़िर में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC लॉन्च किया था. इसे eINR या E Rupee भी कहा जाता है जो इंडिया रूपये का टोकनाइज्ड डिजिटल वर्जन है. लेकिन जैसी उम्मीद थी CBDC भारत में उतना पॉपुलर नहीं हो गया है. 

हालांकि ताजा रिपोर्ट के मुताबिक़ रिजर्व बैंक का डिजिटल करेंसी यानी CBDC के पायलट प्रोग्राम में 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं. हालांकि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक़ इसे फुल स्केल लॉन्च करने की कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने कहा है कि सिस्टम वाइड फुल स्केल CBDC लॉन्च से पहले इसे समझना और यूजर्स पर इसके इंपैक्ट के बारे में पता लगाना जरूरी है.

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RBI Governor का ये मानना है कि CBDC फ्यूचर पेमेंट सिस्टम में कमाल दिखाएगा. इससे इंडिया और क्रॉस बॉर्डर पेमेंट में भी काफी मदद मिलेगी. 

Binance के रीजनल मार्केट हेड विशाल सचिंद्रन ने CBDC के सवाल पर हमें बताया कि ये अभी शुरूआती स्टेज में है. ना सिर्फ इंडिया, बल्कि दूसरे देश भी इस तरह की करेंसी को पूरी तरह लागू नहीं कर पाए हैं. सबसे बड़ी दिक़्क़त एडोप्शन है और यही CBDC इंप्लिमेंटेशन की सबसे बड़ी प्रॉबल्म है और सरकार के लिए भी एक चैलेंज है. 

क्रिप्टो मार्केट इतना वोलाटाइल क्यों है? क्यों क्रिप्टो में निवेश करने से लोग डरते हैं?

विशाल कहते हैं कि लोगों को हाइप के पीछे नहीं भागना चाहिए. जैसे नॉर्मल स्टॉक मार्केट का रिसर्च करते हैं वैसे ही इसका भी रिसर्च करना चाहिए. क्रिप्टो में जो इन्वेस्ट करना चाहते हैं पहले उनका प्रोटोकॉल समझना चाहिए. विशाल के मुताबिक़ इक्विटी मार्केट की तरह क्रिप्टो में कंपनी का फ़ंडामेंटल स्टडी करने की ज़रूरत है. उन्होंने बताया कि Binance एकेडमी में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन की फ्री ट्रेनिंग दी जाती है जहां से लोग बेसिक से एडवांस्ड तक समझ सकते हैं. 

क्रिप्टो का फ्यूचर क्या है?

विशाल मानते हैं कि ये सिर्फ एक ट्रेड नहीं है, बल्कि ये एक टेक्नोलॉजिकल शिफ्ट है और ये कहीं जाने वाला नहीं है. अगर जाने वाला होता तो Bitcoin और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी लगातार आगे नहीं बढ़ रहे होते. ब्लॉकचेन और और इसके ऐप्लिकेशन समझने के लिए लोगों को समय देना होगा. ऐडोप्शन प्रोसेस में भी समय लगेगा. इस स्पेस में काफी पोटेंशियल है और ख़ास कर भारत ब्लॉकचेन इनोवेशन में लीड करने की यूनिक पोजिशन में है.

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