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व्हिसल ब्लोअर के दावे के बाद बढ़ी Facebook की मुसीबत, भारत सरकार ने मॉडरेशन प्रोसेस बताने को कहा

Facebook की मुसीबत फिर से बढ़ने वाली है. भारत सरकार ने Facebook को एल्गोरिदम डिटेल्स बताने के लिए कहा है. इसपर आरोप है ये प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज और हेट स्पीच रोक पाने में असफल रहा है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • सरकार ने Facebook को एल्गोरिदम डिटेल्स बताने के लिए कहा है
  • हाल ही में व्हिसल ब्लोअर Frances Haugen ने सरकार को इसको लेकर अलर्ट किया था
  • कंपनी से कंटेंट मॉडरेशन को लेकर पूछा गया है

Facebook की मुसीबत फिर से बढ़ने वाली है. भारत सरकार ने Facebook को एल्गोरिदम डिटेल्स बताने के लिए कहा है. अभी हाल में Facebook पर आरोप लगा था कि ये भारत में हेट स्पीच और फेक न्यूज वाले पोस्ट को रोकने में नाकाम है. 

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इसको लेकर ET ने रिपोर्ट किया है. रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और IT (MeitY) ने फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर Ajit Mohan को एक लेटर भेजा है. इसमें कंपनी से कंटेंट मॉडरेशन को लेकर पूछा गया है. 
लेटर में ये भी बताने का कहा गया है कि ये ऑनलाइन हार्म से यूजर्स को बचाने के लिए क्या तरीका अपना रहा है.

हाल ही में व्हिसल ब्लोअर Frances Haugen ने सरकार को इसको लेकर अलर्ट किया था. इसमें भारत को लेकर किए एक एक्सपेरिमेंट किया गया था. 
इसमें एक डमी यूजर का फीड अकाउंट ओपन करने के 3 हफ्ते के बाद फेक न्यूज और हेट स्पीच से भर गया था. Frances Haugen ने ये भी खुलासा किया हिंसा बढ़ाने वाले पोस्ट को प्लेटफॉर्म पर प्रोमोट किया जाता है. प्लेटफॉर्म पर भारत में एंटी-मुस्लिम कंटेंट को काफी बढ़ावा मिलता है. 

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अब इसको लेकर सरकार ने फेसबुक से जानकारी मांगी है कि ये किस तरह का एल्गोरिदम कंटेंट मॉडरेशन के लिए करता है. ऐसे कंटेंट से होने वाले ऑनलाइन हार्म से वो कैसे बचाते हैं ये भी बताने के लिए कहा गया है. इस पर फिलहाल कंपनी की ओर से कुछ नहीं कहा गया है. 

फेसबुक में डेटा साइंटिस्ट रह चुके Haugen ने आरोप लगाया था कि फेसबुक अमेरिका के बाहर अपने बजट का केवल 13 परसेंट ही गलत जानकारी से निपटने के लिए यूज करता है. इसमें भारत भी शामिल है. जबकि भारत में कंपनी का सबसे ज्यादा यूजर बेस है. 
 

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