Conclave 2023: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में काफी तेजी से प्रोग्रेस हो रहा है. India Today Conclave 2023 में पॉपुलर AI कंपनी Stability AI के COO Ren Ito ने शिरकत की. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कहा कि पहले और अब के AI में फर्क है.
Ren Ito ने कहा कि नए वर्जन का AI जेनेरेटिव AI है जो पुराने AI से अलग है. जेनेरेटिव AI की ख़ासियत ये है कि ये अलग अलग तरह के ऑब्जेक्ट को समझता है और उनमें फ़र्क़ कर सकता है. जेनेरेटिव AI में करोड़ों सेट्स ऑफ डेटा एंटर किया जाता है, लेकिन इसका रिज़ल्ट काफ़ी अलग होता है और रिज़ल्ट उससे कहीं ज़्यादा सटीक और बेहतर होता है.
AI के फायदे तो हैं ही, लेकिन साथ ही एक बड़ा चैलेंज भी सामने आ रहा है..
इसके जवाब में Ren Ito ने कहा कि ये खतरनाक तो है, लेकिन हमें इससे डरना नहीं चाहिए. बल्कि उन चीजों को अड्रेस करना होगा जिससे ये खतरनाक रूप ले सकता है. AI को समझना होगा कि ये काम कैसे करता है और इसे ओपन सोर्स करना भी जरूरी है.
Open Source के ज़रिए ट्रांसपेरेंसी तय की जाती है.. हालाँकि Open Source होने की वजह से ऐसा नहीं है कि कोई भी इसे बना सकता है, क्योंकि न्यूरल लैंग्वेज एक काफ़ी कॉम्पलेक्स प्रोसेस होता है.
भारत में AI का पोटेंशियल क्या है?
India Today Conclave 2023 के दौरान Ren Ito ने कहा है कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जेनेरेटिव AI का पोटेंशियल काफी है. उन्होंने कहा कि भातर में एडुकेशन और हेल्थ सेक्टर में इसका यूज किया जा सकता है.
ये डरावनी टेक्नोलॉजी है, क्योंकि काफ़ी एक्सपर्ट्स खुद इस टेक्नोलॉजी को नहीं समझ रहे हैं. इसके बारे में ये जानना ज़रूरी है कि ये काम कैसे कर रहा है और जो इसके ख़तरे हैं उसे रोका कैसे जा सकता है. इससे डरना नहीं चाहिए, लेकिन इससे ख़तरे को कम किया जा सकता है.
भारत में इस टेक को एडुकेशन और हेल्थकेयर के लिए यूज किया जा सकता है. भारत में 80% से ज़्यादा बच्चों कपास मोबाइल फ़ोन का ऐक्सेस है, ऐसे में लोगों को बच्चों को इसके बारे में बताना चाहिए. मेडिकल और एडुकेशन सेक्टर में इसे डिप्लॉय करके ज़्यादा से ज़्यादा इसका फ़ायदा उठाया जा सकता है
Conclave 2023 के दौरान Ren Ito ने कहा है कि AI प्रोडक्ट बनाने के साथ ही इसकी ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेब्लिटी भी सुनिश्चित करनी होगी. ऐसा ओपन सोर्स मॉडल के ज़रिए किया जा सकता है जिससे अलग अलग देशों और ऑर्गनाइज़ेशन्स के लिए AI मॉडल्स को कस्टमाइज़ किया जा सकता है.
Ren कहा है कि AI डरावना तो है ही, लेकिन साथ ही ये काफ़ी एक्साइटिंग भी है. लेकिन इसे रोकने के बजाए इसे डेमोक्रटाइज करना होगा.