India Today Conclave 2024: नवंबर 2022 में OpenAI ने ChatGPT का ऐलान किया. इस चैटबॉट के आने के कुछ ही दिनों में दुनियाभर में AI चर्चा का विषय बन गया. अब Copilot, Adobe Firefly, OpenAI Sora और Google Gemini जैसे तमाम AI प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा हो रही है. ऐसे में दो दिनों तक चलने वाले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भी AI चर्चा का विषय बना रहा.
AI क्रांति को लेकर हुई चर्चा में Adobe India के डायरेक्टर सॉल्यूशन कंसल्टिंग, वैशक वेणुगोपाल (Vyshak Venugopalan) और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और साउथ एशिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर समिक रॉय (Samik Roy) शामिल हुए हैं.
इवेंट की शुरुआत वी. वेणुगोपाल ने Adobe Firefly के डेमो के साथ की. उन्होंने दिखाया कि कैसे Firefly इंडिया गेट की फोटो इंद्रधनुष और बबल्स के साथ बनाता है. इन तस्वीरों को क्रिएट करने के लिए सिर्फ एक कमांड का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने दिखाया कि कैसे जनरेटिव AI का इस्तेमाल करके असली जैसी तस्वीर क्रिएट की जा सकती है.
वहीं समिक ने भी इवेंट की शुरुआत में दिखाया कि कैसे Copilot की मदद से महज 15 सेकेंड में तस्वीर क्रिएट की जा सकती है. उन्होंने बताया कि कैसे AI आने वाले दिनों में सभी सेक्टर्स को प्रभावित करेगा. अगर इसका सही इस्तेमाल हुआ तो ये दुनिया को एक नए मुकाम पर ले जाएगा.
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समिक ने बताया कि किस तरह के AI का इस्तेमाल एक संस्था में हो सकता है. AI की मदद से आप चीजों का अंदाजा लगाना, चीजों की जांच करना समेत बहुत से दूसरे काम आसानी से कुछ सेकेंड में कर सकते हैं. उन्होंने एक बल्ब की फोटो शेयर करते हुए ChatGPT से सवाल किया.
उन्होंने दिखाया कि कैसे ChatGPT यूजर्स से इंटरैक्ट करता है. Copilot की बात करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे ये रोजमर्रा के काम में हमारी मदद कर सकता है.
मान लेते हैं आप अपने साथियों को एक ईमेल लिखते हैं, जिसके जवाब में बहुत से लोग ईमेल लिखते हैं. अब आपको Copilot को कमांड देना होगा, वो सभी ईमेल को पढ़कर आपके लिए एक समरी तैयार करे और आपको इसका एक जवाब लिखकर दे. जिसे आप सभी साथियों को भेज सकते हैं. यानी आपको सभी ईमेल्स पढ़ने नहीं पड़ेंगे.
वैशक ने बताया कि ये पूरी तरह से निर्भर करता है कि आप अपने AI को ट्रेनिंग कैसे दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमने अपने AI टूल को ट्रेन करने के लिए सुरक्षित मॉडल का इस्तेमाल किया है. इसकी वजह से आप किसी सेलिब्रिटी की तस्वीर नहीं बना सकते हैं और ऐसे इसका इस्तेमाल सुरक्षित है.
वहीं समिक ने बताया कि मान लीजिए आप किसी संस्था के लिए एक AI मॉडल तैयार करते हैं. उस मॉडल का काम लोगों के सवालों का जवाब देना है. ऐसे में आपने एक सेट तय किया होगा, जिसके अंदर ही उसे जवाब देना होगा. अगर कोई इससे बाहर का सवाल करता है, तो उसे जवाब नहीं मिलेगा. इस तरह से हमें सेफगार्ड बनाने होंगे, जो लोगों की प्राइवेसी को सुरक्षित रखेंगे.
वैशक ने कहा कि हमें मानना होगा कि AI का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है. Deepfake इसका एक उदाहरण है. इसके लिए हमें लोगों को बताना होगा कि वो क्या इस्तेमाल कर रहे हैं.
समिक ने बताया कि ये सवाल हमेशा सामने आता है. जब भी कोई नई टेक्नोलॉजी आती है, तो लोगों का सवाल यही होता है कि क्या हमारी नौकरी चली जाएगी. इसकी शुरुआत स्टीम इंजन के साथ हुई. कम्प्यूटर आया, तो लोगों का कहना था कि ये हमारी नौकरी खा जाएगा, लेकिन आज भारत में IT की बूम है और इसकी वजह कम्प्यूटर है.
AI आपकी नौकरी नहीं लेगा, बल्कि ये आपको ज्यादा पावर देगा. एक आम आदमी अपनी क्रिएटिव क्षमताओं की मदद से वो काम कर पाएगा, जिसके लिए उसे स्पेशल कोर्स की जरूरत होती थी. वैशक ने कहा कि इस मामले में हमरे पास सिर्फ इतिहास का डेटा है. इतिहास में क्या हुआ है, इससे हम समझ सकते हैं कि भविष्य में क्या होगा.