सोशल मीडिया साइट Facebook को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं. अमेरिकी मीडिया के अनुसार इंटरनल Facebook डॉक्यूमेंट्स से कई बातें सामने निकल कर आई हैं. इसमें कहा गया है भारत में हेट स्पीच, गलत जानकारी और हिंसा को लेकर उत्सव मनाने वाले कंटेंट को फेसबुक नहीं रोक पा रहा है.
भारत कंपनी का सबसे बड़ा बाजार है. अमेरिकी मीडिया के अनुसार सोशल मीडिया के रिसचर्स इस बात को प्वाइंट कर रहे हैं कि सोशल मीडिया पर गलत और एंटी-मुस्लिम कंटेंट भरे हुए हैं. The New York Times की एक रिपोर्ट के अनुसार एक फेसबुक रिसर्चर ने एक नया यूजर अकाउंट क्रिएट किया.
वो देखना चाह रहे थे कि सोशल मीडिया वेबसाइट केरल में रहने वाले व्यक्ति के लिए कैसा दिखता है. पहले तीन हफ्ते तक अकाउंट को सिंपल रूल से ऑपरेट किया गया. फेसबुक के सजेशन के अनुसार ग्रुप ज्वाइन किया गया, वीडियो देखा गया और नए पेज को एक्सपलोर किया गया. NYT रिपोर्ट में बताया गया इससे हेट स्पीच, गलत जानकारी और हिंसा को लेकर उत्सव मनाने वाले कंटेंट रिसर्चर को काफी दिखने लगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंटरनल डॉक्यूमेंट में ये भी कहा गया किस तरह बोट्स और फेक अकाउंट्स सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के साथ मिलकर राष्ट्रीय चुनाव को प्रभावित कर रहे थे.
NYT ने बताया कि 2019 चुनाव के बाद एक सेपरेट रिपोर्ट प्रोड्यूस किया गया. फेसबुक ने उस रिपोर्ट में पाया कि 40 परसेंट से ज्यादा टॉप व्यूज या इम्प्रेशन पश्चिम बंगाल में फेक या इनऑथेंटिक थे. इनऑथेंटिक का इम्प्रेशन 30 मिलियन से ज्यादा था.
इंटरनल डॉक्यूमेंट के टाइटल 'Adversarial Harmful Networks: India Case Study' में फेसबुक के रिसर्चर ने लिखा है कि फेसबुक पर मिसलीड करने वाले एंटी-मुस्लिम पेज और ग्रुप्स थे. ये ग्रुप्स खासकर कोरोना महामारी के दौरान थे.
NYT ने ये भी कहा है कि फेसबुक पर बजरंग दल वालों की तरफ से काफी एंटी-मुस्लिम पोस्ट पब्लिश करने का प्रयास किया गया है. फेसबुक इस ग्रुप का खतरनाक की कैटेगरी में रखना चाहता है लेकिन इसने अभी तक ऐसा नहीं किया है.
फेसबुक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, NYT ने कहा कि भारत में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में से, फेसबुक ने अपने AI सिस्टम को 5 पर ट्रेन किया है. लेकिन, हिंदी और बंगाली में इसके पास मॉनिटर करने के लिए पूरा डेटा नहीं है. इस वजह से ऐसे पोस्ट पर कार्रवाई नहीं हो पाती है.