Elon Musk और ट्विटर की डील होने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मौजूदा सीईओ पराग अग्रवाल को कंपनी से निकाला जा सकता है. हालांकि, फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है. एलॉन मस्क की एंट्री और पराग अग्रवाल के एग्जीट के कयास लगाने की एक बड़ी वजह 'फ्री स्पीच' है.
दरअसल, फ्री स्पीच पर दोनों के मतभेद हो सकते हैं. क्योंकि पराग अग्रवाल ट्विटर को एक फ्री स्पीच प्लेटफॉर्म मानते हैं, जबकि एलॉन मस्क कंपनी की पॉलिसी और सेंसरशिप का विरोध कर रहे हैं.
हालांकि, सार्वजनिक मंच पर दोनों में से किसी ने भी एक दूसरे का विरोध फिलहाल नहीं किया है. पराग अग्रवाल ने अपने लेटेस्ट ट्वीट में कहा, 'मैंने यह जॉब ट्विटर को बेहतर बनाने की लिए ली थी, जहां भी इसे करेक्ट करने की जरूरत है और सर्विस को मजबूत किया है. अपने लोगों पर गर्व है जिन्होंने इतने शोर के बाद भी फोकस और तत्परता के साथ काम करना जारी रखा है.'
पराग के इस ट्वीट पर एक पैरोडी अकाउंट Not Parag Agrawal ने रिप्लाई किया, 'मुझे लगा हमें निकाल दिया गया है.' इस पर ट्विटर के सीईओ ने कहा, 'नहीं! हम अभी भी यहां हैं.' ट्विटर से पराग अग्रवाल की विदाई इतनी आसान नहीं है, जितना लोग अंजादा लगा रहे हैं. अगर कंपनी उन्हें निकालती है, तो अग्रवाल को अच्छी खासी रकम अदा नहीं होगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्विटर सीईओ पराग अग्रवाल को निकालने पर कंपनी को उन्हें 4.2 करोड़ डॉलर देने होंगे. अगर उन्हें इस डील होने के 12 महीने के अंदर कंपनी से निकाला जाता है, तो उन्हें 4.2 करोड़ डॉलर मिलेंगे. बता दें कि साल 2021 में ट्विटर सीईओ को 3.04 करोड़ डॉलर का कंपनसेशन मिलता था, जो ज्यादातर स्टॉक अवॉर्ड के रूप में था.
इस महीने की शुरुआत में एलॉन मस्क ने ट्विटर में 9.2 परसेंट हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद कंपनी ने उन्हें बोर्ड में शामिल होने का ऑफर दिया था. एलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऑफर देते हुए बोर्ड में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
उन्होंने 44 अरब डॉलर में Twitter खरीदने का ऑफर रखा था, जिसे कंपनी ने बाद में मान लिया है. इस डील को पूरा होने में कुछ महीनों का वक्त लगेगा, जिसके बाद एलॉन मस्क ट्विटर के मालिक बन जाएंगे.