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Jio 4G: लद्दाख के पैंगॉन्ग झील तक पहुंची जियो की सर्विस, अब चीन के बॉर्डर तक मिलेगा नेटवर्क?

Jio Network in Leh Ladakh: जियो ने लद्दाख के पैंगॉन्ग झील इलाके में अपनी 4G सर्विस लॉन्च की है. इस इलाके तक टेलीकॉम सर्विस पहुंचाने वाला यह देश का पहला ऑपरेटर है. कंपनी की इस सर्विस का फायदा टूरिस्ट्स के साथ सैनिकों को भी मिलेगा.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • Jio 4G सर्विस पैंगॉन्ग झील इलाके में लॉन्च
  • टूरिस्ट और सैनिक दोनों को मिलेगा फायदा
  • यहां 4G सर्विस लॉन्च करने वाला पहला ऑपरेटर है जियो

जियो अपनी 4G सर्विस का विस्तार कर रहा है. कंपनी ने लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास के गांव तक अपनी पहुंच बना ली है. पैंगॉन्ग झील के आसपास के क्षेत्र में पिछले एक साल से चीन और भारत की सेनाएं आसने सामने हैं.

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कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, Jio 4G वॉयस और डेटा सर्विस का विस्तार पैंगॉन्ग झील के पास Spangmik गांव तक हो गया है. जियो पहली ऐसी टेलीकॉम कंपनी है, जिसकी सर्विस इस इलाके तक पहुंची है.

अब तक नहीं थी टेलीकॉम कनेक्टिविटी 

पॉपुलर टूरिस्ट प्लेस होने के बाद भी अब तक यहां पर वॉयस और डेटा कनेक्टिविटी नहीं पहुंची थी. लोकसभा मेंबर Jamyang Tsering Namgyal ने जियो मोबाइल टॉवर का उद्घाटन किया है. उन्होंने बताया कि लोग लंबे समय से इस एरिया में मोबाइल नेटवर्क की मांग कर रहे थे. 

उन्होंने कहा कि मोबाइल नेटवर्क की लॉन्चिंग की वजह से क्षेत्र की इकोनॉमी बूस्ट होगी. साथ ही मोबाइल कनेक्टिविटी का फायदा टूरिस्ट और सैनिक दोनों को मिलेगा.

जियो ने बताया है कि वह लगातार इस क्षेत्र में अपने नेटवर्क का विस्तार करता रहेगा. पिछले महीने भी कंपनी ने कई हिस्सों में अपने 4G सर्विस की शुरुआत की है. 

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जियो लगातार कर रहा विस्तार

Namgyal ने कहा, 'बेहद मुश्किल परिस्थिति के बाद भी जियो और उसकी टीम लद्दाख के कई हिस्सों में नेटवर्क पहुंचाने की कोशिश कर रही है.' एक ओर जहां देश में 5G नेटवर्क की लॉन्चिंग तैयारी हो रही है.

वहीं कई ऐसे हिस्से भी हैं, जहां अभी तक 4G सर्विस ही नहीं पहुंच पाई है. इसके साथ ही कंपनी JioFiber ब्रॉडबैंड सर्विस भी लेह टाउन में प्रदान कर रही है. उम्मीद है कि जियो के बाद दूसरी टेलीकॉम कंपनियां भी यहां तक अपने नेटवर्क का विस्तार करेंगी.

इससे ना सिर्फ यूजर्स को फायदा मिलेगा, बल्कि बॉर्डर पर कनेक्टिविटी भी आसान हो जाएगी. लद्दाख में पैंगॉन्ग झील और उसके आसपास के इलाके में भारत और चीनी सैकिन कई बार आसने सामने आ चुके हैं. ऐसे में वहां कनेक्टिविटी पहुंचने से कम्यूनिकेशन काफी आसान हो सकेगा. 

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