scorecardresearch
 

Jio-क्वॉलकॉम ने की 5G की सफल टेस्टिंग, हासिल की 1Gbps की स्पीड

रिलायंस जियो और US-बेस्ड क्वॉलकॉम दोनों कंपनियां मिलकर भारत में होमग्रोन टेक्नोलॉजी बेस्ड 5G मोबाइल इंटरनेट को तेजी से उपलब्ध कराएंगी. इससे भारत को उन देशों की एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल होने का मौका मिलेगा, जो यूजर्स को सुपरफास्ट 1 Gbps की स्पीड उपलब्ध कराती हैं.

Advertisement
X
Photo For Representation
Photo For Representation
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जियो की 5G टेक्नोलॉजी पूरी तरह से स्वदेशी होगी
  • जियो ने होमग्रोन 5G RAN तैयार किया है
  • स्वदेशी टेक्नोलॉजी होने से भारत की चीनी कंपनियों पर निर्भरता भी कम होगी

रिलायंस जियो और US-बेस्ड क्वॉलकॉम, दोनों कंपनियां मिलकर भारत में होमग्रोन टेक्नोलॉजी बेस्ड 5G मोबाइल इंटरनेट को तेजी से उपलब्ध कराएंगी. इससे भारत को उन देशों की एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल होने का मौका मिलेगा, जो यूजर्स को सुपरफास्ट 1 Gbps की स्पीड उपलब्ध कराती हैं.

Advertisement

जियो ने क्वॉलकॉम के साथ मिलकर अपनी 5G टेक्नोलॉजी की सक्सेसफुल टेस्टिंग की है. ये घोषणा अमेरिका के सैन डियागो में हुए एक वर्चुअल इवेंट में की गई है.

क्वॉलकॉम 5G समिट के दौरान रिलायंस जियो के प्रेसिडेंट मैथ्यू ओमेन ने कहा कि क्वॉलकॉम और जियो मिलकर 5G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, ताकी इसकी लॉन्चिंग जल्द भारत में की जा सके. 

देखें: आजतक LIVE TV  

ये साझेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की प्रतिबद्धता पर आधारित है. उन्होंने जुलाई में घोषणा की थी कि जियो मेड-इन-इंडिया 5G टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहा है.

दोनों कंपनियों ने ये भी जानकारी दी है कि उन्होंने एक क्वॉलकॉम प्लेटफॉर्म की मदद से जियो की 5G सॉल्यूशन पर 1 Gbps की स्पीड भी प्राप्त की है. इसका मतलब ये है कि इससे 1GB फाइल साइज वाली किसी मूवी को महज एक सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा. इस साझेदारी में जियो की अमेरिकी सब्सिडियरी कंपनी रेडिसिस कॉर्पोरेशन भी शामिल है.

Advertisement

जियो की 5G टेक्नोलॉजी पूरी तरह से स्वदेशी होगी. इसके लिए जियो ने होमग्रोन 5G RAN (रेडियो ऐक्सेस नेटवर्क) तैयार किया है जो अल्ट्रा हाई स्पीड आउटपुट देने के लिए परफेक्ट है. इसकी टेस्टिंग अमेरिका में कर ली गई है.   

स्वदेशी नेटवर्क होने से भारत को इक्विपमेंट्स के लिए चीनी कंपनियों जैसे Huawei और ZTE पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ऐसे में नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पर किसी संभावित सुरक्षा संबंधी खतरे को भी टाला जा सकेगा.

Live TV

 

Advertisement
Advertisement