scorecardresearch
 

अपने ही मार्केट में क्यों पिट गईं भारतीय स्मार्टफोन कंपनियां? Lava के प्रेसिडेंट सुनील रैना ने बताई वजह

भारतीय स्मार्टफोन बाजार में कभी इंडियन ब्रांड्स का दबदबा हुआ करता था. मार्केट में Lava, Karbon, iBall, Micromax समेत कई ब्रांड्स मौजूद थे. इन ब्रांड्स के फोन की सेल भी अच्छी खासी थी, लेकिन इस मार्केट में सिर्फ Lava ही बचा है, जो देसी ब्रांड है. इन्हीं पॉइंट्स पर हमने Lava इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट सुनील रैना से बातचीत की है.

Advertisement
X
लावा इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट सुनील रैना.
लावा इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट सुनील रैना.

एक वक्त था जब भारतीय स्मार्टफोन बाजार में भारतीय मोबाइल ब्रांड्स का दबदबा हुआ करता था. Lava, Micromax, iBall, Karbon समेत कई ब्रांड्स के फोन्स धड़ल्ले से बिका करते थे. साल 2014-15 में ऑनलाइन मार्केट में बूम आना शुरू हुआ और यही से चीनी ब्रांड्स ने भारतीय स्मार्टफोन बाजार में कब्जा कर लिया. 

Advertisement

उस वक्त से अब तक Lava इंटरनेशनल भारत में बनी हुई है. कंपनी एक बार फिर बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है. इस क्रम में कंपनी ने हाल में ही स्मार्टवॉच को लॉन्च किया है. 

कंपनी पिछले कुछ वक्त से लगातार नए फोन्स और दूसरे प्रोडक्ट्स को लॉन्च कर रही है. ब्रांड की भारतीय बाजार में वापसी और दूसरे पहलुओं पर हमने Lava International के प्रेसिडेंट सुनील रैना से खास बातचीत की. आइए जानते हैं इस खास बातचीत की मुख्य बातें.

लावा की यात्रा को आप कैसे देखते हैं? 

कंपनी को इस मार्केट में 15 साल हो गए हैं. अब हम सिर्फ एक मात्रा भारतीय ब्रांड हैं, तो इस सेक्टर में एक्टिव हैं. हम ग्रो भी कर रहे हैं. इस दौरान बहुत-सी चुनौतियां भी आईं. खासकर जब विदेशी ब्रांड्स की एंट्री हुई, तो उनके पास ज्यादा रिसोर्स और पैसे थे, जिसकी वजह से बहुत सी कंपनियां खत्म हो गईं. हालांकि, हमने कुछ बदलाव किए और हम अब तक मार्केट में बने हुए हैं. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: Lava Blaze Curve 5G review: कम कीमत में प्रीमियम डिजाइन वाला देसी फोन

अपने ही मार्केट में कैसे पिट गए भारतीय स्मार्टफोन ब्रांड? 

भारत में उस वक्त कोई इकोसिस्टम नहीं था. हमारी निर्भरता चीन पर थी. चीन में ही मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइन होते थे. उस वक्त जिन कंपनियों ने भारतीय बाजार में एंट्री की, उनके पास ज्यादा एक्सपीरियंस था. उन्होंने बहुत विज्ञापन किया और कीमतों को बहुत ज्यादा कॉम्पिटेटिव बना दिया. 

वहीं भारतीय कंपनियों के पास ऐसे ब्रांड्स से कम एक्सपीरियंस था. साथ ह भारतीय कंपनियों ने उस वक्त भी R&D पर काम नहीं किया. यही बड़ी वजहें थी, जिनकी वजह से भारतीय ब्रांड्स को नुकसान हुआ और वो अपने ही मार्केट में सर्वाइव नहीं कर पाएं. 

यह भी पढ़ें: Lava लाया सस्ता 5G फोन, चीनी कंपनी Realme के उड़ाएगा होश, इतने हजार है सस्ता

लावा कुछ वक्त के लिए मार्केट से गायब हो गया था, ऐसा क्यों? 

हमने कुछ वक्त के लिए सेट-बैक लिया. क्योंकि इंटरनेशन प्लेयर्स से मुकाबला करने के लिए आपके पास दमदार प्रोडक्ट्स भी होने चाहिए. हमने अपने प्रोडक्ट्स पर 4 से 5 साल के लिए काम किया और उसके बाद मार्केट में रिएंट्री की. अब हम लगातार इस सेगमेंट में प्रोडक्ट्स लॉन्च कर रहे हैं. साथ ही दूसरी कैटेगरी को भी एक्सप्लोर कर रहे हैं. 

Advertisement

अब लावा का टार्गेट क्या है? 

हमारा लक्ष्य साफ है, जो सालों पहले था. हम मार्केट में अपना एक हिस्सा चाहते हैं. इंटरनेशनल मार्केट में जाने से पहले हमें भारतीय बाजार में अपना हिस्सा हासिल करना होगा. ब्रांड धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. हम जिन सेगमेंट में काम कर रहे हैं, उसमें बेहतरीन एक्सपीरियंस कंज्यूमर को देना चाहते हैं. 

रही बात प्रीमियम सेगमेंट की, तो इस सेगमेंट में आने में हमें वक्त लगेगा. हम पहले से जिन सेगमेंट में मौजूद हैं, उन पर फोकस हमारी प्राथमिकता है. आने वाले दिनों में हम 30 से 40 हजार रुपये के फोन भी लॉन्च करेंगे. हम बहुत ज्यादा प्रीमियम सेगमेंट में फिलहाल नहीं जाना चाहते हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement